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बीकानेर,भाजपा शहर और देहात जिला बीकानेर में पार्टी में विपक्ष की भूमिका के विजन वाले नेताओं का कोई नाम उभर कर सामने नहीं आया है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन, जनहित के मुद्दों पर काम और विपक्ष का सरकार के समक्ष चुनौती देने वाले नेता बीकानेर भाजपा में नहीं है। सभी पार्टी के दिशा निर्देशों की राजनीति कर रहे हैं। कुछेक तो सांसद सेवा केंद्र तक की राजनीति कर रहे हैं। जिन कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारियों में राजनीतिक स्किल हैं उनको पार्टी के भीतर प्रतिध्ददी आगे नहीं आने देते। ऐसे में भाजपा में अगली पीढ़ी का नेतृत्व विकास गंभीर सवाल है। बीकानेर में तीन कैबिनेट मंत्री है। जनहित के कामों में भाजपा का इन मंत्रियों पर कोई प्रभाव नहीं है। यहां तक की भारतीय जनता पार्टी और पार्टी नेताओं का प्रशासन पर विकास का मुद्दा हो या जन समस्या कोई दवाब नहीं है। भाजपा विपक्ष की भूमिका न तो सत्तारूढ़ दल के नेताओं की मनमानी रोकने में सक्षम है और न प्रशासन से जनता के हित की बात ही मनवा सकती हैं। और तो दो बार मुख्यमंत्री बीकानेर आए भाजपा न तो बीकानेर के विकास पर और न ही जन समस्याओं पर प्रभावी रूप से मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करवा पाई है। भाजपा के किसी नेता में यह साम्मर्थ्य ही नहीं है कि जनहित और विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात भी कर सकें। यह उस पार्टी का दुर्भाग्य है जो विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बताई जाती है सर्वाधिक सांसद, विधायक,पार्षद, पंचायत समिति सदस्य है। बीकानेर संभाग मुख्यालय में पार्टी के उक्त दावो के विपरीत स्थिति है। यहां भाजपा सब जगह पिछड़ी है। पिछले माह भाजपा शहर जिला बीकानेर की ओर से 30 बिंदुओं का राज्य सरकार के खिलाफ ब्लैक पत्र जारी किया गया। इस ब्लैक पत्र में भाजपा नेताओं में जनहित की दृष्टि का निन्तात अभाव दिखाई दिया। बीकानेर संभाग मुख्यालय है। पार्टी का यहां का एक्शन पूरे राजस्थान में प्रतिध्वनित होता है। यहां के नेताओं को यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि बीकानेर का भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से लेकर क्रमिक विकास में योगदान रहा है। हालांकि इस योगदान में पत्थर की नींव बन नेता बुजुर्ग होने से सक्रिय राजनीति से बाहर है। आज की आपाधापी में उनका भाजपा में कोई स्थान भी नहीं रहा। पिछली पीढ़ी से आज के युवा नेता कुछ तो आत्मसात करो। पिछलग्गूपन की राजनीति छोड़कर जनता के नेता बनो भाई। अन्यथा जहां हो वहीं रह जाओगे। पूछ तो आपके नेतृत्व क्षमता की होगी। किसी की पूंछ पकड़ने से नेता कोई नहीं बनने देगा।

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