Trending Now




बीकानेर,राजस्थान की राजनीति और कांग्रेस पार्टी से सांसद, विधायक, प्रतिपक्ष नेता के रूप में कभी सिरमौर रहे रामेश्वर डूडी अभी राजस्थान एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष हैं। बीकानेर की देहात कांग्रेस में वर्षों काम करने वाल लक्ष्मण कड़वासरा को भू दान बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। हाल ही के वर्षों में देहात कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र गहलोत को केश कला बोर्ड का अध्यक्ष तथा पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हारे प्रत्याशी मदन मेघवाल को डा,भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन का महानिदेशक बनाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन चार नेताओं को पद देकर सरकार में पद देकर फिर सत्ता के केंद्र में रखा है। ये सभी बीकानेर देहात की राजनीति के हिस्से हैं। ये राजनीतिक तुष्टिकरण है या राज्य के विकास में इनका कोई योगदान रहेगा? अथवा जादूगर अशोक गहलोत ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए शतरंज की नई बिसात बिछाई है।

1 रामेश्वर डूडी : रामेश्वर डूडी अभी राजस्थान एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष हैं। बीकानेर की देहात कांग्रेस में वर्षों से सक्रिय रहे हैं। प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक, सांसद और राजस्थान कांग्रेस में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में अपनी साख बनाई है। राजस्थान कांग्रेस में जाट राजनीति के एक ध्रुव के रूप में वे गहलोत के सामने ने सत्ता संघर्ष में तन कर खड़े हैं। जातिवाद हावी होने के चलते वे लगातार दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके है। डूडी में भरपूर नेतृत्व क्षमता है। जाट समाज में उनकी राजनीतिक स्वीकार्यता आज भी बरकरार है, परंतु उनके इर्द गिर्द के समर्थकों ने उनकी साख पर बट्टा लगाया है। इन्हीं परामर्शको के चलते उनको राजनीतिक में पिछड़ना पड़ा है। आज उनके कुछेक समर्थक विरोधी बनकर सरकार से पद ले चुके हैं। जनहित के कामों के प्रति उनका सकारात्मक रवैया रहता है। बीकानेर के विकास में कोई मील के पत्थर जैसा अब तक के राजनीतिक कार्यकाल में काम नहीं किया है। राजस्थान एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रूप में उनकी भूमिका का इंतजार हैं। देखते हैं क्या कर पाते हैं। जिले में कांग्रेस की राजनीति में उनकी प्रभावी भूमिका को कोई नकार नहीं सकता।

2 लक्षण कड़वासरा : पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर जिले की ग्रामीण राजनीति के खिलाड़ी माने जाते हैं। वर्षों तक देहात अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी में सक्रिय योगदान रहा है। आज भी देहात कांग्रेस में कड़वासरा का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। भोम राज आर्य, डूडी के साथ कड़वासरा भी देहात कांग्रेस की मजबूत कड़ी रही है। अभी अशोक गहलोत ने कड़वासरा को भू दान बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। गहलोत की भले ही डूडी के समकक्ष जाट नेता को साधने दृष्टि रही हो। कड़वासरा हमेशा कांग्रेस के लिए काम करते रहे हैं। वे पार्टी मंच से जन हित के मुद्दे उठाते रहे हैं। बीकानेर में छतरगढ पूगल में भूदान की जमीनें हैं जिनके आवंटन की कार्रवाई हो चुकी है। राजस्थान में अन्यंत्र भी भूमि है। कड़वासरा क्या कर पाते हैं। समय ही बताएगा।

3 महेंद्र गहलोत : देहात कांग्रेस के इन वर्षों में अध्यक्ष के रूप में काम किया है। डूडी के निकट माने जाने वाले गहलोत आज कल दूरी बनाए हुए हैं। गहलोत केश कला बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में लगातार दौरे कर अपना जनाधार तैयार कर रहे हैं। केश कला बोर्ड क्या करेगा और क्या कर रहा है। इसका कहीं कोई असर दिखाई नहीं दिया है। गहलोत डूडी से इतर कहीं अपना राजनीतिक भविष्य ढूंढ रहे हैं।

4 मदन मेघवाल: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हारे प्रत्याशी मदन मेघवाल को डा . भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन का महानिदेशक बनाया गया है। वे बीकानेर में कांग्रेस के कार्यक्रम में दिखाई देते हैं। वे सक्रिय हैं, परंतु राजनीतिक दक्षता दिखाई नहीं देती।राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। जनहित के मुद्दों पर काम करते भी नहीं दिखाई दिए। जिस डा . भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन का उनको महानिदेशक बनाया है उसकी कोई गतिविधि अपने लोकसभा क्षेत्र में अभी तक दिखाई नहीं दी। .

(मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन नेताओं को झुनझुने थमाए हैं या जन कल्याण की जिम्मेदारी दी है।

Author