बीकानेर शहर के मुख्य बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर महिला शौचालय नहीं होने से महिलाएं परेशान होती है। यह हालात तब है जब नगर निगम के शीर्घ पदों की कमान महिलाओं के हाथ में है। निगम महापौर ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद मुख्य स्थानों पर महिला शौचालय बनाने का वादा किया था। यह वादा दो साल बाद भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि महापौर ने अपने बजट भाषण में भी इन शौचालयों को बनाने का जिक्र किया था।शौचालयों का निर्माण कराना तो दूर अभी तक महिला शौचालयों के लिए शह में स्थान तक निर्धारित नहीं किए गए है।
प्रतिदिन शहर के व्यस्तम और भीड़भाड़ वाले बाजारों व मुख्य स्थानों पर खरीदारी के लिए पहुंच रही महिलाएं बिना शौचालय के परेशान हो रही है।
निगम महापौर के वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में पृष्ठ संख्या 8 पर बिन्दू संख्या 7 पर महिला सुरक्षा व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने मुख्य स्थानों पर महिला शौचालयों का निर्माण कराने की बात कही। वहीं वर्ष 2020-21 के बजट अभिभाषण में पृष्ठ संख्या 6 के अंतिम पेराग्राफ में भी मुख्य स्थानों पर शौचालय निर्माण का उल्लेख मिलता है।
दो साल – घोषणाओं पर सवाल कार्मिक कल्याण कोष की स्थापना नहीं
निगम पार्षदों व कार्मिकों को आरक्षित दर पर भूखण्ड देने की योजना सिरे नहीं चढ़ी
निगम क्षेत्र में अब तक नहीं बनी श्वानशाला
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित पानी की बरसिंहसर व गुडा प्लांट को सप्लाई नहीं
गोगागेट डम्पिंग ग्राउण्ड पर पड़े कचरे का निस्तारण नहीं
इन स्थानों पर आवश्यक
शहर में कई बाजार और भीड़भाड़ वाले स्थान है, जहां रोज बड़ी संख्या में महिलाओं का आना-जाना रहता है। तोलियासर भैरुजी गली, केईएम रोड, लाभूजी कटला, फड़ बाजार, कोटगेट, तेलीवाड़ा सर्राफा बाजार, मोहता चौक, बड़ा बाजार स्थित सब्जी मार्केट, भुजिया बाजार, घूमचक्कर, दांती बाजार, जस्सूसर गेट, नत्थूसर बास आदि कुछ ऐसे स्थान है, जहां महिला शौचालय की आवश्यकता है।
महिला ही नहीं समझ रही परेशानी
नगर निगम में महापौर से लेकर राजस्व अधिकारी तक विभिन्न पदों महिला अधिकारी कार्यरत है। वर्तमान में उप निदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग और निगम उपायुक्त भी महिला अधिकारी है। निगम की महापौर महिला होने के बावजूद महिला शौचालय बनाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। निगम में तीन राजस्व अधिकारी भी महिलाएं है। निर्माण शाखा में भी कनिष्ठ अभियंता महिला है।