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बीकानेर,लखीमपुर: राजस्थान के नोखा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बिहारीलाल बिश्नोई का बृहस्पतिवार को लखीमपुर आगमन पर यहां बसने वाले नोखा प्रवासियों व मारवाड़ी समाज के लोगों ने भव्य स्वागत किया। लखीमपुर शहर के बीचों- बीच स्थित श्री श्री सीतारामजी ठाकुरबाड़ी में वरिष्ठ समाजसेवी रामेश्वर तापड़िया की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित की गई। इस दौरान विधायक बिहारीलाल बिश्नोई के अलावा हिम्मटसर ग्राम पंचायत सरपंच के प्रतिनिधि ओमप्रकाश मांझू, उप सरपंच गुलाब सिंह राठौड़, मारवाड़ी सम्मेलन के शाखाध्यक्ष बलवान शर्मा व समाजसेवी गोपाल राठी मंचासीन थे। सर्वप्रथम मारवाड़ी समाज की तरफ से मां कामाख्या की पावन धरा पर पहुंचे नोखा के विधायक का फुलाम गामोछा, जापी व सराई प्रदान कर अभिनंदन किया गया। वहीं सरपंच के प्रतिनिधि व उप सरपंच का भी समाज ने असम की परंपरा के अनुसार असमिया फुलाम गमछे से उनका स्वागत किया। इस मौके पर मारवाड़ी सम्मेलन की लखीमपुर शाखा, मारवाड़ी युवा मंच की शाखा, माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी युवा संगठन, चैंबर ऑफ कॉमर्स व लखीमपुर अग्रवाल समाज की तरफ से विधायक बिश्नोई के अलावा सरपंच प्रतिनिधि एवं उपसरपंच का भी अभिनंदन किया गया। जबकि समाजसेवी जगदीश विश्नोई व भगवान पारीक ने भी उन्हें फुलाम गामोछा पहनाया। सभा का स्वागत भाषण पत्रकार राजेश राठी ने किया। विधायक का संक्षिप्त परिचय में सभा में रखते हुए राठी ने कहा कि राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा मंडी के खारा गांव के एक साधारण किसान परिवार के घर में जन्म लेने वाले श्री बिश्नोई अपने छात्र काल से ही एक जागरूक छात्र के रूप में कार्य करते आ रहे हैं। जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में भारतीय जनता पार्टी से अपना संबंध जोड़ लिया था। उन्होंने नोखा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2008 में भाजपा से और वर्ष 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा। लेकिन संघर्ष ही जीवन है को अपना लक्ष्य मानकर वर्ष 2018 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद के दावेदार रामेश्वर डूडी पर जीत हासिल की थी। वहीं राठी ने विधायक को एक ज्ञापन सौंपते हुए विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने लखीमपुर व आस-पास के अन्य जिलों में बीकानेर तक सीधी रेल सेवा न होने के कारण यहां बसने वाले राजस्थानी प्रवासियों को मातृभूमि व कर्मभूमि के बीच यात्रा करने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस रूट हेतु रेल सेवा शुरू करने के साथ गुवाहाटी से बीकानेर तक चलने वाली ट्रेन के फेरों में बढ़ोत्तरी करने की मांग भी की। साथ ही उक्त ट्रेन में वातानुकुलित डिब्बों की संख्या भी बढ़ाने का अनुरोध राठी ने अपने ज्ञापन में किया। एग्रीकल्चर में बीएससी कर चुके पेशे से वकील होने के साथ-साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो जो कि भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है और ख्यात रूप से दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी है उसमें उच्च पद पर अपनी सेवा दे चुके नोखा विधानसभा क्षेत्र के 43 वर्षीय युवा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई राजस्थान के एक पढ़े-लिखे और सुलझे हुए राजनेता भी है जिन्होंने हजारों किलोमीटर का सफर तय कर असम के जोरहाट में हुए भीषण अग्निकांड के पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर नवनियुक्त राज्यपाल महोदय और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा के सामने ज्ञापन सौंपा जिसकी लखीमपुर मारवाड़ी समाज ने प्रशंसा करते हुए कहा कि बिहारीलाल बिश्नोई एक अच्छे जनप्रतिनिधि के रूप में अपना कर्तव्य पालन कर एक सच्चे राजनेता का अटूट परिचय सभी के समक्ष रखा है जिससे प्रत्येक राजनेताओं को एक सीख लेनी चाहिए। इस दौरान बलवान शर्मा, राजकुमार सराफ, राजेश मालपानी व पवन सारड़ा ने भी अपने विचार रखते हुए विधायक को बताया कि राजस्थान प्रवासी असम में बसकर यहां के सर्वांगिण विकास में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। वहीं विधायक बिश्नोई ने अपने संबोधन में सबसे पहले श्रीश्री सीतारामजी ठाकुरबाड़ी में दर्शन किए तथा भगवान का श्रृंगार देख प्रफुल्लित हुए। उन्होंने मंदिर में रोजाना भगवान का श्रृंगार करने वाले गोपाल गठी की सराहना की। उन्होंने लखीमपुर में व्यापार के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु स्व. नंदकिशोर माहेश्वरी, ओमप्रकाश दिनोदिया, मदनलाल मालपानी जैसे लोगों की सराहना भी की। इधर राजेश राठी द्वारा प्रदान किए गए ज्ञापन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उक्त विषय केंद्र सरकार का है और इस मुद्दे पर वे शीघ्र दिल्ली जाकर केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकात करेंगे। उन्होंने प्रवासी बंधुओं को उनकी इस समस्या के उचित समाधान हेतु आश्वस्त किया। विधायक ने इसे अहम मुद्दा बताते हुए कहा कि ट्रेन सेवा के संदर्भ में गुवाहाटी व जोरहाट के लोगों ने भी अपनी बातें कही थी। उन्होंने मातृभाषा मारवाड़ी को संवैधानिक मार्यदा दिलवाने हेतु मुहिम के संदर्भ में भी जानकारी दी। उनका कहना था कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलनी चाहिए। इसे लेकर उन्होंने राजस्थान विधानसभा के पहले दिन मुंह पर पट्टी बांधकर और हाथों में मायड़ भाषा बिना गूंगा राजस्थान लिखी तख्ती लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराया था। मिलावटखोरी के खिलाफ कानून लाए जाने पर अपनी सहमति दर्ज कराते हुए विधायक ने कहा कि स्वास्थ्य पर मिलावट का असर पड़ने से लोगों को कई बीमारियों से जूझना पड़ता है। इसके अलावा गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनने पर उन्होंने कहा कि यह मारवाड़ी समाज के लिए गौरव की बात है। विधायक ने कहा कि राजस्थानी लोग कई वर्षों से असम में रहकर यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। अगर प्रवासी बंधु असम या अन्य प्रदेश में समाजहित में कुछ करें तो उन्हें काफी खुशी मिलती है। सभा का संचालन नरेश दिनदिया ने किया। सभा के बाद उन्होंने राधेश्याम आटा चक्की मिल, सीताराम मेघराज नामक प्रतिष्ठानों में जाकर वहाँ के प्रवासी भाइयों से मुलाकात की। इसके बाद गोपाल राठी के निवास स्थान पर भोजन करने के बाद वे गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए। इस दौरान राठी ने जहां सेलेंग चादर से व चंद्रप्रकाश माहेश्वरी ने मिसिंग परंपरा के अनुरूप विधायक का अभिनंदन किया।

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