इस अवसर पर मुनि श्री कमल कुमार जी ने आचार्य प्रवर से प्राप्त पत्रों का वाचन किया और साधुओं व साध्वियों को पत्र भेंट किए। मुनि कमल कुमार जी ने पुरानी बातों को स्मृति पटल पर लाकर सभी श्रावक-श्राविका समाज को एकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करवाई।उन्होंने प्रवचन में आने वाले सभी लोग सामायिक अवश्य करें तथा अपने जीवन को अध्यात्म से जोड़ें।
जैन विश्व भारती लाडनूं के उपाध्यक्ष विजय सिंह डागा ने मुनिश्री को उग्र विहार कम करके स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देने का निवेदन किया। उन्होंने मुनिश्री को अपनी जन्मभूमि में चातुर्मास करने की पुर जोर अर्ज की.।
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिमल चोपड़ा ने उग्रविहारी व तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी जिनके 47 वां वर्षीतप चल रहा है का स्वागत करते हुए गंगाशहर में चातुर्मास करने की अपील की। यमुनानगर प्रवासी बिमल चोपड़ा जो मुनिश्री कमल कुमार के संसारपक्षीय मामा है, ने चोपड़ा परिवार की तरफ से भी स्वागत किया।
तेरापंथ न्यास ट्रस्टी व तेरापंथ महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि आपने दीक्षा लेकर अपनी मां के ऋण से मुक्त हो गए परन्तु आपकी मातृभूमि गंगाशहर का ऋण बकाया है। आप अभी भी 18 वर्षों बाद यहाँ पधारें हैं और दीक्षा के 53 वर्ष हो जाने के बावजूद स्वतन्त्र रूप से गंगाशहर में चातुर्मास नहीं किया। उन्होंने कहा कि आप पर गुरुदेव की असीम कृपा है आप अगर मन बना लेंगे तो गरुदेव का आदेश भी गंगाशहर चातुर्मास का मिल जाएगा। छाजेड़ ने अपने बाल सखा का भावभीना स्वागत करते हुए कहा कि आपने लम्बे लम्बे विहार के व तपस्या के कीर्तिमान रचे हैं जिसका हमें नाज है हम आपका अभिनन्दन व स्वागत करते हैं।
तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष देवेन्द्र डागा, तेरापंथी सभा उपाध्यक्ष पवन छाजेड़, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष संजू लालानी, मुनिश्री के परिवार की ओर से चारु मुशरफ ने अपनी भावनाओं के माध्यम से मुनिश्री का स्वागत किया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन देवेन्द्र डागा ने किया। इससे पूर्व मुनिश्री सुबह 9 बजे भीनासर इन्दरचन्द जी जगत कुमार बैद के निवास स्थल से विहार करके तेरापंथ भवन गंगाशहर पधारे।उनके स्वागत में जन सैलाब उमड़ पड़ा। स्वागत समारोह में सभी संस्थाओं के सदस्य व अनेक गणमान्यजन उपस्थित हुए। मंगलपाठ के बाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।