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जयपुर। राजस्थान में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बाद अब सरकार पाबंंदियां बढ़ाने पर विचार कर रही है। एक्सपर्ट ने भी ​दिल्ली की तर्ज पर पाबंदियां लगाने का सुझाव दिया है। नई पाबंदियों पर आज कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में चर्चा होगी। दोपहर 1 बजे से सीएम निवास पर कैबिनेट की वर्चुअली बैठक बुलाई गई है। संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए जयपुर, जोधपुर सहित ज्यादा संक्रमण वाले जिलों में दिल्ली की तर्ज पर वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा सकता है।

 

वीकेंड कर्फ्यू के अलावा धार्मिक स्थलों को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद किया जा सकता है। बड़े मंदिर अपने स्तर पर भी बंद करने का फैसला ले रहे हैं। खाटूश्यामजी मंदिर प्रबंधन ने इसकी शुरुआत कर दी है। बच्चों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूलों में ऑफलाइन क्लास बंद करने का फैसला सभी जिलों में लागू किया जा सकता है।

 

कैबिनेट में कोरोना कंट्रोल सबसे प्रमुख एजेंडा है। बैठक में कोरोना एक्सपर्ट पैनल भी अपना प्रेजेंटेशन देगा। इससे पहले पिछले सप्ताह भी दो बार गाइडलाइन जारी हो चुकी है। अब फिर से नई गाइडलाइन तैयार होगी।

 

ये पाबंदियां बढ़ सकती हैं

नई गाइडलाइन में बाजार बंद करने का समय रात 9 बजे किया जा सकता है। साथ ही नाइट कर्फ्यू का समय भी रात 11 बजे की जगह रात 10 बजे से किया जा सकता है। टूरिस्ट प्लेस पर भीड़ पर रोक लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। सिटी बसों में यात्री क्षमता आधी करने के प्रावधान पर भी विचार ​किया जा रहा है। जयपुर-जोधपुर सहित ज्यादा संक्रमण वाले जिलों में सरकारी दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को ही बुलाने का प्रावधान किया जा सकता है। धीरे-धीरे पाबंदियों का दायरा और बढ़ना तय माना जा रहा है।

 

पुरानी गाइडलाइन 7 से लागू होगी

पुरानी गाइडलाइन के प्रावधान 7 जनवरी से लागू हो रहे हैं, उससे पहले गाइडलाइन में संशोधन होना तय माना जा रहा है। रविवार को जारी गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों पर पूजा सामग्री, प्रसाद ले जाने पर रोक है। नई गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जा सकते हैं। जिन जिलों में कोरोना के केस ज्यादा हैं, वहां पर पहले से ज्यादा पाबंदियां लगाने पर विचार किया जा रहा है।

 

शादियों समारोह पर 100 लोगों की लिमिट

शादी समारोह से लेकर हर तरह के आयोजन पर रविवार को जारी गाइडलाइन में 100 लोगों की लिमिट तय है। शादी से पहले एसडीएम को सूचना देना अनिवार्य किया गया है। धार्मिक से लेकर राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भी 100 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं है।

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