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बीकानेर महिला जेल में बंदियों और सुरक्षा प्रहरियों के बच्चों के साथ-साथ पल रहे है। जेल में बच्चों का आपसी प्रेम सबको मोहित करता है। जेल का माहौल भी खुशनुमा है। जेल में तीन महिला बंदियों के बच्चे सुरक्षा प्रहरियों के साथ खेलते और खाते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि बच्चे यह संदेश दे रहे है कि हम साथ-साथ है।

बीकानेर केन्द्रीय कारागार से संबंद्ध महिला जेल में वर्तमान में 58 बंदी है, जिनमें से तीन महिला बंदियों के बच्चे छोटे होने के साथ-साथ उनकी पकिवार में देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में नियमानुसार उन्हें बच्चों को साथ रखने की छूट दी जा रही है।

महिला जेल में बंद एक महिला बंदी ने रूंधे गले से बताया कि साब मेरी तो किस्मत में सुख ही नहीं है। पीहर से ससुराल आई और परिस्थितियां ऐसी बनी की मैं जेल आ गई। सरकार ने रहम किया जो बच्चे का साथ रखने की इजाजत दी। जेल कर्मचारी बच्चों का बहुत ख्याल रखते है। मैं जेल में रहतर बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दूंगी। मेरा बेटा भी अफसर बने मेरी तमन्ना है। यह कहते हुए वह फूट-फूट कर रोने लगी।

महिला जेल में बच्चों के लिए खिलौने व झूलों की व्यवस्था की गई है। बच्चों के खिलौने आदि सामान की व्यवस्था जेल कर्मचारी खुद से करते है। जेलर लीला बताती है कि जेल परिसर में करीब सात बच्चे हैं। बच्चों के कारण जेल का माहौल ख़ुशनुमा है। बच्चों के कारण जेल का माहौल घर जैसा बना हुआ है।

जेल में बच्चों के लिए फ्रेंडली माहौल बनाया जा रहा हा। तीन महिला बंदियों के छोटे बच्चे है। सुरक्षा प्रहरियों के भी बच्चे है। यह सभी साथ-साथ खेलना, खाना-पीना कर रहे हैं। बच्चों के लिए बड़े झूले व मनोरंजन के अन्य साधनों की व्यवस्था समाजसेवी संस्थाओं से कराने को लेकर बात चल रही है।
आर. अनंतेश्वरन, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार

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