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बीकानेर,इस साल फिर पानी को लेकर बड़ी समस्या होने वाली है। किसान सिंचाई के पानी को लेकर महापड़ाव पर बैठे हैं। उधर, पंजाब हर साल 19 किमी नहर की मरम्मत मे भी 60 दिन लगाएगा। पिछले साल तक इतने समय में 30 किमी नहर की मरम्मत होती थी। यानी 30 दिन की पूर्ण नहरबंदी के कारण पानी आपूर्ति का दबाव पीएचईडी पर आएगा। इसलिए बीकानेर संभाग के 3 जिलों में सिर्फ मार्च से सितंबर तक पेयजल की सप्लाई टैंकर से की जाएगी। जिसपर करीब साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च होंगे।

मार्च से पानी की मांग बढ़ जाती है। रोजमर्रा के कामों के साथ ही कूलर ज्यादा पानी मांगते हैं। एक परिवार के खर्च के बराबर घरों में कूलर पानी खर्च करते हैं। चार सदस्यों वाले परिवार में सर्दी की तुलना में तीन गुना ज्यादा पानी की खपत होती है। पानी दोगुने से ज्यादा मिल नहीं पाता। इसलिए किल्लत होती है। हालांकि नहरबंदी के दौरान पीएचईडी बीछवाल और शोभासर जलाशय में पूरा पानी भरकर रखता है। मगर शहर में सिर्फ 18 दिन का पानी है। पूर्ण नहरबंदी 30 दिन की होगी। ऐसे में ओवर हुए 12 दिन जलापूर्ति के लिए अगर नहरों में पानी भरकर ना रखा तो कटौती होनी तय है।

इससे पहले तक रेग्युलेशन विंग के जो अधीक्षण अभियंता थे वे शहर की मांग को समझते हुए गजनेर लिफ्ट और कंवरसेन लिफ्ट में पानी भरकर रखते थे। बीछवाल और शोभासर जलाशय खाली होने पर पानी की सप्लाई हो जाती थी। इससे कटौती नहीं होती थी। इस बार अधीक्षण अभियंता बदल गए तो अब गजनेर लिफ्ट और कंवरसेन में पानी भरकर शहर को दिया जाएगा। कहना मुश्किल है।

पीएचईडी ने टेल की समस्याओं को ठीक करने के लिए करीब 15 नई टंकियां बनवानी शुरू की। नहरबंदी शुरू होने से पहले करीब 9 नई टंकियों को शुरू कराने की कोशिश की है ताकि टेल इलाकों में समस्या ना हो। शहर में 29 ऐसे टेल इलाके हैं जहां नहरबंदी और गर्मियों में किल्लत होती है। नई टंकियां बनवाने से इसकी समस्या दूर करने का प्रयास जारी है।

नया जलाशय भरा तो संकट कम
बीछवाल जलाशय के पास ही दूसरा नया जलाशय बन रहा है। 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया। हालांकि, किसी भी सूरत में इस बार यहां पानी फिल्टर होना तो शुरू नहीं होगा, लेकिन अगर आधा जलाशय भी भर लिया तो बीछवाल इलाके में पानी की कटौती को टाला सकता है। आधा जलाशय भरने पर करीब 1200 से 1500 एलएलडी पानी जमा होगा। क्योंकि 3000 एमएलडी क्षमता का नया जलाशय है जो मौजूदा जलाशय से दोगुने के बराबर है। हालांकि पीएचईडी के अधिकारी कह रहे हैं कि कोशिश है कि भले फिल्टर ना हो पर कुछ पानी जमा कर लेंगे, जिससे नहरबंदी में दिक्कत न हो।

बीकानेर जिले में पेयजल सप्लाई पर 3 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे
बीकानेर शहर – शहर में टैंकर से पेयजल सप्लाई पर 1.22 करोड़, ग्रामीण क्षेत्र में 1.79 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
श्रीगंगानगर – शहर में 27 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 36 लाख।
अनूपगढ़ – शहर में 11.40 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 13.20 लाख।
हनुमानगढ़ – शहर में 13.6 लाख और ग्रामीण में 45.52 लाख रुपए।

“मेरी काेशिश है कि नई टंकियाें का कनेक्शन चालू कर वहां से आपूर्ति शुरू कराऊं। काम शुरू कर दिया है। टेल के ज्यादातर इलाकेइससे ठीक हाे जाएंगे। बीछवाल के नए जलाशय में भी पानी भरने की मेरी काेशिश है।”
*-राजेश राजपुराेहित, अधीक्षण अभियंता पीएचईडी*

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