श्रीकोलायत,कोलायत क्षेत्र खनिज में जिले में सर्वोच्च स्थान पर है और बीकानेर जिले का सबसे ज्यादा रेवन्यू देने वाली तहसील मे शामिल है लेकिन रेवन्यु के साथ साथ यहाँ कई बड़ी खामियां भी सामने आ रही है
कोलायत का नाम जब तीर्थो में आता है तो पहले कपिल सरोवर का नाम आता है लेकिन उसी कपिल सरोवर के जल बहाव क्षेत्र मे 14 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट एरिया है जल संसाधन विभाग के बिना अनुमति लगातार इसी क्षेत्र में 200 से अधिक खदाने अवैध रूप से चल रही है
इसी क्षेत्र में कई पुराने तालाब नदी नाले जिसमे वर्तमान में बजरी का अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है
कपिल सरोवर बड़ा धार्मिक स्थल होने के बावजूद भी इसके कैचमेंट एरिये में हो रहे खनन के सम्बंध में जल ससाधन विभाग से एन ओ सी लेना खनन विभाग ने उचित नही समझा , इस सम्बंध मे जब जल संसाधन विभाग से पुछा गया तो विभाग का कहना है की बिना अनुमति के माईंस चलाना अवैध तो है ही साथ ही नियमो की धज्जिया उङाना भी है
क्या है नियम ,
1. जल संसाधन विभाग का कहना है कि कोई भी जल बहाव क्षेत्र मे यानि किसी भी तालाब या झील के केचमेंट मे लीज लेने से पहले जल संसाधन विभाग की अनुमति यानि NOC लेना अनिवार्य है ,
2. यदि लीज क्षेत्र किसी भी तालाब/ झील के केचमेंट मे पाया जाता है तो उस जगह की NOC/ अनुमति लेना अनिवार्य है और केचमेंट क्षेत्र मे जल संसाधन विभाग NOC नही देता है !
यदि जल संसाधन विभाग केचमेंट क्षेत्र मे NOC नही देता है तो फिर यह लीजे क्या राजनीतिक शह पर दी गई है यह जांच का विषय है
साथ ही सुओ मोटो प्रकरण के उजागर होने के बाद कपिल सरोवर के पायतन में हो रहे अवैध खनन के सम्बंद में जिला कलेक्टर बीकानेर द्वारा एक कमेटी गठित करके उपखंड अधिकारी को सयोजक बनाया एव खनन विभाग ,तहसीलदार, माईनस एसोसिएशन प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया गया और पायतन क्षेत्र में हो रहे खनन गतिविधियों के सम्बंद में त्रैमासिक रिपोर्ट भेजने का आदेश
दिए गए थे लेकिन पिछले दस वर्षों से उपखंड अधिकारी कार्यालय से आज दिनांक तक कपिल सरोवर के जल बहाव क्षेत्र में नही हो रहे खनन की त्रैमासिक रिपोर्ट भेजी जा रही है
पटवार हल्का कोटडी के ग्राम कोटडी खसरा नम्बर 9 ,19, 16,17,42,26 ,45,28 ,32 , 34 निम्न खसरों में तालाब राजस्व रिकार्ड में दर्ज है लेकिन इन खसरों में लगातार अवैध खनन से बजरी मिट्टी निकाली जा रही है
जल ससाधन विभाग के मानचित्र में कपिल सरोवर का 14 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट एरिये होने के बावजूद भी लगातार धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है
उच्च न्यायालय जोधपुर में जनहित याचिका दायर करने खनन को बंद करवाया जाएगा