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बीकानेर,नई दिल्ली. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच तीसरी लहर की चेतावनी देने वाले वैज्ञानिक ने चिंता जाहिर की है. हैदराबाद विश्वविद्याल के प्रो वाइस चांसलर डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने कहा है कि देश में अभी हर्ड इम्युनिटी जैसी बात का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से रोजाना हो रही मौतों में 4 जुलाई के बाद बड़ा अंतर देखा जा रहा है. डॉ. श्रीवास्तव ने बीते महीने कहा था कि संभवत: तीसरी लहर चार जुलाई को ही देश में एंट्री कर चुकी है. उन्होंने इस भविष्यवाणी के लिए जिस पैमाने का इस्तेमाल किया है उसे वैज्ञानिक भाषा में ‘डेली डेथ लोड’ कहा जाता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी जाहिर की जा चुकी है आशंका बता दें कि इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी कहा जा चुका है कि जल्द ही देश में तीसरी लहर भी दस्तक दे सकती है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगस्त महीने में दस्तक दे सकती है. रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया था कि सितंबर महीने तक यह लहर अपने पीक पर पहुंच सकती है. ICMR ने भी जाहिर की थी आशंका इसके अलावा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में हेड ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज, डॉ समीरन पांडा ने भी अनुमान जताया था कि तीसरी लहर देशव्यापी होगी हालांकि इसका यह मतलब नहीं कि यह दूसरी लहर की तरह भयावह और तेजी से फैलने वाली होगी. आईएमए और केंद्र जता चुके हैं चिंता बीते दिनों आईएमए ने सरकार और लोगों के ढिलाई बरतने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन किये बगैर बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने को लेकर चिंता प्रकट की थी. साथ ही, कहा था कि ये घटनाएं महामारी की तीसरी लहर का मुख्य कारण बन सकती हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है.तीसरी लहर की चेतावनी कोरोना से तीसरी लहर की चेतावनी चेतावनी हार्ड इम्युनिटी वैज्ञानिक ने हार्ड इम्युनिटी को लेकर कही ये बात

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