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बीकानेर.प्रदेश की जेलों में बंद सजायाफ्ता बंदियों को बैंक ऋण देगा ताकि सजा पूरी होने के बाद वह अपना जीवन-बसर मेहनत की कमाई से कर सके। बैंक ऐसे बंदियों को ऋण देगा जो व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त होंगे। प्रदेशभर की जेलों में बंदियों का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीकानेर केन्द्रीय कारागार ने 60 ऐसे बंदी चयनित भी कर लिए हैं, जिन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। 60 में से 30 बंदी ऐसे होंगे, जिनकी सजा एक साल के भीतर पूरी होने वाली है।

सरकार द्वारा जेलों में बंदियों को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता रहा है लेकिन उन्हें सजा पूरी होने के बाद बैंक से लोन दिलाने की व्यवस्था पहली बार शुरू कर रही है। प्रदेशभर की जेलों में बंद सैकड़ों ऐसे बंदी है जो साल व डेढ़ साल के भीतर सजा पूरी कर छूटने वाले हैं। ऐसे में इन सभी बंदियों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई गई है। अकेले बीकानेर केन्द्रीय कारागार से ६० बंदियों का चयन किया गया हैं, जिन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत प्रशिक्षित बंदियों को 25 लाख से १० करोड़ रुपए तक का ब्याज अनुदान युक्त लोन दिया जाएगा।

पहले चरण में इसका देंगे प्रशिक्षण

व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के पहले चरण मे पुरुष बंदियों को स्क्रीनिंग प्रिंटिंग तथा महिला बंदियों को कशीदाकारी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुरुष बंदी जेल से छूटने के बाद प्रशिक्षण के सीखे गुर के माध्यम से शादी कार्ड, विजिटिंग कार्ड, लैटर हैड पिं्रटिंग का काम कर सकेंगे। इसी तरह महिला बंदी सिलाई, कढ़ाई, कशीदाकारी का काम कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

इन बंदियों को करेंगे प्रशिक्षित

व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण ऐसे बंदियों को दिया जाएगा जो साल व डेढ़ साल के भीतर सजा पूरी कर घर जाने वाले हैं। जेल से बाहर जाकर वह स्वाभिमानपूर्वक अपना रोजगार कर सके और समाज की मुख्य धारा में वापस लौट सके।
22 से देंगे प्रशिक्षण

नाबार्ड व बीकानेर केन्द्रीय कारागार प्रशासन की ओर से 22 दिसंबर से बंदियों को व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्य बीकानेर की जय भैरव वैलफेयर सोसायटी को सौंपा गया है। बंदियों को रोजाना तीन से चार घंटे प्रशिक्षण मिलेगा। इसकी तैयारियों को लेकर जेल प्रशासन के साथ मिलकर अंतिम रूप दे रहे है।

– रमेश ताम्बिया, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड

10 करोड़ तक का मिलेगा लोन

बीकानेर जेल में पहले चरण में ६० महिला-पुरुष बंदियों का चयन किया गया है, जिन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में १५ बंदी ऐसे भी प्रशिक्षित किया जाएंगे, जिनकी सजा ५० फीसदी हो चुकी है ताकि वे बाद में दूसरे बंदियों का प्रशिक्षित कर सके। जेल से रिहा होने वाले प्रशिक्षित बंदियों को काम करने के लिए मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 25 लाख से १० करोड़ रुपए तक का ब्याज अनुदान युक्त लोन दिया जाएगा। सरकार ने बंदियों को बैंकों से लोन दिलाने की पहल इसी साल से शुरू की है।
आर.अनंतेश्वर, जेल अधीक्षक

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