Trending Now




बीकानेर,भारतीय जनता पार्टी के लालगढ़ मंडल अध्यक्ष विनोद करोल को घर से गायब हुए 36 घंटे हो रहे हैं। इनकी गुमशुदगी दर्ज करवाए हुई भी 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया। रविवार दिनभर एसडीआरएफ ने आत्महत्या की आशंका शोभासर झील छानी लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

करोल सुबह लगभग 11 बजे घर से बिना बताए निकल गए। शाम को उनके पुत्र मयंक ने थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई। देर शाम करोल के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लगी। इसमें एक डूबते हुए आदमी का बाहर रह गया हाथ दिखा गया है। लिखा-‘अपना ख्याल रखना। शायद हम फिर कभी न मिलें।‘ इस पोस्ट ने परिजनों की चिंता बढ़ा दी। पुलिस को भी बताया। सुबह पुलिस को करोल की लोकेशन शोभासर झील के आस-पास मिली। वहां जाकर देखा तो उनकी बाइक खड़ी मिल गई।

डॉग स्क्वायड को नहीं मिले निशान शोभासर जलाशय के बाहर बाइक मिलने से यह आशंका हुई कि करोल ने आत्महत्या कर ली। उनके यहां पहुंचने के सुराग ढूंढ़ने डॉग स्क्वायड को लाया गया। डॉग स्क्वायड को यहां कुछ नही मिला। यह माना गया कि रात की बारिश और दिनभर से बहुत सारे लोगों की मौजूदगी से कदमों के निशान मिट गए होंगे।

फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी मौके पर आई। बाइक के अलावा वहां कुछ नहीं था मतलब यह कि कपड़े, जूते, मोबाइल, घड़ी, पर्स जैसी कोई चीज झील के बाहर या आस-पास नहीं थी। इस टीम ने फैंसिंग को भी चैक किया ताकि यह पता लगा सके कि इसे फांदकर यहां तक पहुंचे या नहीं। फैंसिंग में बने मकड़ियों के जाले तक दिखे। ऐसे में इन्हें लांघने की आशंका कम ही लगी।

जिस शोभासर झील में करोल के डूबने की आशंका जताई जा रही है उसका पूरा घेरा 3.25 किमी है। लगभग साढ़े छह मीटर पानी इसमें रहता है लेकिन फिलहाल 3.5 मीटर ही है। एसडीआरएफ की टीम ने दिनभर में इस झील का कोना-कोना छान मारा लेकिन यहां कोई सफलता नहीं मिली।

भारतीय जनता पार्टी के नेता और करोल के परिजन पूरे दिन इस जलाशय के किनारे चिंतित बैठे रहे। शहर भाजपा अध्यक्ष विजय आचार्य, देहात भाजपा अध्यक्ष जालमसिंह भाटी, डॉ.सत्यप्रकाश आचार्य, मोहन सुराणा, मंडल अध्यक्ष कमल आचार्य, दिनेश महात्मा, मनीष सोनी, उप महापौर राजेन्द्र पंवार, भाजपा नेता गोकुल जोशी, नरसिंह सेवक आदि यहां मौजूद रहे।

शोभासर जलाश के आगे जुटे भाजपा नेता, करोल के समर्थक, परिचितों की जुबान पर एक ही सवाल था? आखिर क्या वजह हो सकती है उनके इस तरह गायब होने की? बातों-बातों में सामने आया कि करोल कुछ समय से परेशान भी लग रहे थे। वे आईजीएनपी कॉलोनी में अपने भाई एवं परिवार के साथ रहते थे। यहां कुछ समय पहले तक दुकान चलाते थे। कुछ दिन पहले दुकान बंद कर चुके हैं।

Author