बीकानेर,कोटा, राज्यपाल सचिवालय, राजभवन, जयपुर से प्राप्त निर्देशों के क्रम में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रो. एस.के.सिंह के मार्गदर्शन में यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोन्सिबिलिटी के अंतर्गत गोद लिये गये गांव रायथल मे शिक्षक दिवस के अवसर पर कम्प्यूटर साक्षरता कार्यक्रम का अयोजन गांव के राजकीय विद्यालय मे किया गया। सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि इस कार्यक्रम मे दैनिक जीवन मे कम्प्यूटर शिक्षा के महत्व से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। *इस अवसर पर कुलपति प्रो. एसके सिंह ने अपने संदेश में कहा कि* कंप्यूटर शिक्षा इक्कीसवीं सदी का एक अभिन्न अंग बन गई है। आज के जीवन में इसका बहुत महत्व हो गया है। कंप्यूटर शिक्षा इक्कीसवीं सदी का एक अभिन्न अंग बन गई है। कंप्यूटर द्वारा संचालित क्रांति के बीच रहने के कारण, हमारे जीवन का तरीका और संचार हर तरह से प्रभावित हुआ है। कंप्यूटर साक्षरता निस्संदेह एक रोमांचक और असाधारण रचनात्म अनुभव है जो छात्रों को नवाचार और प्रौद्योगिकी की ओर प्रेरित करता है।विद्यार्थियो को जागरूक करना विश्वविद्यालय का सामाजिक दायित्व है। यह विद्यार्थियो को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाती है। यह व्यक्तियों को उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और लगातार अपने कौशल को उन्नत करने की इसका ज्ञान आवश्यक है।
नोडल अधिकारी एस एल मीणा ने बताया कि आज आहिस्ता -आहिस्ता कम्प्यूटर हम इंसानों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है | इसकी काम करने की तेजी, परिणाम और डेटा स्टोर करने की क्षमता हमारे लिए उपयोगी डिवाइस बना देती है | राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक श्री मनोज वैष्णव ने कम्प्यूटर का कैरियर में योगदान के बारे मे बताया । राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र हेरम्ब परीक और गौरव गिरिधर ने बच्चों को कंप्यूटर के बेसिक्स से अवगत कराया और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के विभिन्न एप्लीकेशन के उपयोग बताए एवं उनका इस्तेमाल करना सिखाया। विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल और राष्ट्रीय सेवा योजना आरटीयू इकाई ने एक साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया और इस कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम ने विश्वविद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी को नई दिशा देने में मदद की।कार्यक्रम को आयोजित करने मे विद्यालय के प्राचार्य शिवप्रकाश मीणा एवं अन्य शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।