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बीकानेर,रांगड़ी चौक स्थित श्री तपागच्छ पौषधशाला में चल रहे चार्तुमास के दौरान रविवार, 3 नवम्बर को विश्व वात्सल्य, अज्ञान तिमित, तरू कलिकाल, कल्पतरु, पंजाबव केशरी युगवीर जैनाचार्य विजयवल्लभ सुरीश्वर महाराज का 105वां जन्म महोत्सव गुरू गुणानुवाद रूप में सुबह 9 बजे शुरू होगा।

आत्मानंद जैन सभा चार्तुमासिक समिति के शांतिलाल हनुजी कोचर व सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया  कि जैन धर्म गुरु परम्परानुसार बीकानेर को वल्लभ नगरी के नाम से पहचाना जाता है जहां पर विजयवल्लभ सूरीश्वर द्वारा अनेको धार्मिक, सामाजिक कार्य करते हुए हजारों श्रावक श्राविकाओं को सद्मार्ग की ओर जोड़ रखा था।   साधु भगवनों के सान्निध्य में जैनाचार्य विजयवल्लभ सूरीश्वर की पावन स्मृतियों को उनके जन्मदिवस पर स्मरण, संगीत लहरियों के विशेष आयोजन होंगें। जन्मोत्सव पर संघपूजा का लाभ ताजमल, चन्द्रराज, अबीरचंद, आनन्द कुमार कोचर परिवार लेगा।
जैनाचार्य श्री गच्छाधिपति नित्यानंद सूरीश्वर जी के शिष्य रतन पुष्पेन्द्र विजय म सा ने आज चार्तुमास प्रवचन के तहत आज महावीर स्वामी के निर्वाण के अंतिम प्रहरों में दिये गये उपदेश ‘उत्तराध्ययन सूत्र के प्रथम अध्याय विनयश्रुत पर आधारित प्रवचन जारी रहा जिसमे गुरु और शिष्य के बीच आपसी व्यवहार, उठने बैठने बोलने के तौर तरीके, सहित हर एक कार्य को व्यावहारिक दृष्टिकोण से उल्लेखित किया गया है। सभी श्रमणों अनुयायियों के लिए दिशा निर्देश के साथ पूर्णतः गुरु आज्ञा अनुरूप जीवन वृत्ति के बारे स्पष्ट उपदेश है। प्रखर प्रवचनकार श्रृतानंद म. सा. द्वारा दीपावली के आध्यात्मिक महत्व अनुसार विशेष जप तप के लिए तीन दिवसीय मौन साधना मे लीन है तथा 2 नवम्बर से गुरु गुणानुवाद से पुनः आर्शीवचन देंगें। इस अवसर पर समिति के शांति लाल सेठिया, शांतिलाल कोचर हनुजी, सुरेंद्र बद्धानी, शांति लाल भंसाली, विनोद देवी कोचर तथा ओसवाल साॅप समूह के देवेन्द्रकुमार, सुरेन्द्रकुमार, यतिन्द्रकुमार, वीरेन्द्रकुमार जैन का विशेष सहयोग रहेगा।
अजय बैद अनुसार शनिवार 2 नवम्बर को साल मे एक बार ही होने वाले और हर श्रावक श्रााविकाओं के श्रवण योग्य अनंत लब्दी निदान गौतम स्वामी महाराज के रास का वांचन सुबह 6 बजे होगा।  गौतम रास के पश्चात गाजे बाजे से महावीर स्वामी के साथ चतुर्विद संघ के  साथ निर्वाण का लड्डू चढ़ाने जायेगेें। आज की प्रभावना ओसवाल साॅप परिवार जयपुर द्वारा की गई।

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