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बीकानेर,आज लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर स्थित राव बीकाजी के छतरी स्थल पर रातीघाटी युद्ध के हुतात्माओं को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गई। समिति मंत्री पंडित ओम नारायण श्रीमाली ने स्वस्ति वाचन किया। संस्थापक महामंत्री जानकी नारायण श्रीमाली ने कहा आज से 491 वर्ष पूर्व इस दुर्ग मंदिर और मातृभूमि की रक्षा के लिए किलेदार भोजराज रूपावत, सेनापति महेश दास सांखला, दीवान सद्दारण मोहता और जैतुंग भाटियों ने अपने प्राण न्योछावर किए। ढाई हजार दुर्ग रक्षकों में से शायद ही कोई बचा। इन योद्धाओं ने राव जैतसी की रणनीति को सफल किया।
जिससे आधी रात में अचानक आक्रमण कर जैतसी ने मुगलों को पराजित किया।
अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बीका ने युद्धों में वीरगति प्राप्त वीरों की स्मृतियों को अमर करने वाली परम्पराओं पर प्रकाश डाला।
इसके पश्चात शहीदों को गुलाब के पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी गई। समारोह में सर्वश्री प्रदीप सिंह चौहान, तेजमाल सिंह टांट, छत्रसेन, श्याम सुंदर देराश्री, श्याम लाल शर्मा, अशोक श्रीमाली, आरती सांखला, टीना चौहान, सलोनी गहलोत, गोविंद श्रीमाली आदि उपस्थित रहे।

 

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