Gyanvapi Masjid Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का आज दूसरा दिन था. कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद में आज सर्वे का काम पूरा किया गया. सर्वे की शुरुआत 8 बजे हुई थी. आज सर्वे के दौरान मस्जिद में वजूखाने के पास तालाब पर विवाद हो गया. हिंदू पक्ष ने तालाब का पानी निकालने की मांग की. वहीं मस्जिद कमेटी ने पानी निकालने का विरोध किया.
हिंदू पक्ष के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुंबद की तरफ सर्वे के दौरान एक दीवार जिस पर हिन्दू परंपरा के आकार दिख रहे हैं, संगमरमर दिख रहा है, उसे सफेद चुने से रंग गया है. सर्वे की टीम ने इसकी वीडियोग्राफी की और प्रतीक चिन्ह का भी जिक्र किया जिनसे उनकी बात को बल मिल रहा है. वहीं मस्जिद के अंदर सर्वे करने गई टीम को 7-8 फीट का ढेर भी मिला, जो सफेद पेंट से ढका हुआ है.
17 मई को कोर्ट के सामने पेश होगी रिपोर्ट
मस्जिद की छत और गुंबद की वीडियोग्राफी की गई. ये सर्वे सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया गया. रिपोर्ट 17 मई को अदालत के सामने पेश की जाएगी. इससे पहले सर्वे के पहले दिन यानि शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर 5 तहखानों की वीडियोग्राफी की गई थी. सर्वे में दोनों पक्षों ने सहयोग किया.
हिंदू पक्ष का मूर्तियों के भग्नावशेष मिलने का दावा
सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा करते हुए कहा था कि सभी साक्ष्य हमारे पक्ष में हैं. तहखानों में मूर्तियों के भग्नावशेष मिले हैं. हिंदू पक्ष ने कहा कि तहखाने में शरारती तत्वों ने मिट्टी भर दी थी उसे साफ किया गया. लिंगायत समाज में काशी में लिंग दान का प्रचलन है, तहखाने में उस परम्परा के टूटे लिंग मिले हैं.
सभी के लिए की गई दर्शन की व्यवस्था
सर्वे के दूसरे दिन काशी विश्वनाथ दर्शन करने वालों के लिए एक गेट छोड़कर सभी गेट खोले गए थे, सिर्फ एक गेट से सर्वे टीम को एंट्री दी गई. दर्शनार्थियों को कोई समस्या ना हो इसके लिए सारे मार्ग खोले गए थे और उनमें पर्याप्त ड्यूटी भी लगाई गई है.
पहले सर्वे को लेकर हुआ था हंगामा
दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. अदालत ने इसके लिए अजय मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था. इससे पहले 6 मई को सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई थी, जो हंगामे के कारण 7 मई को रुक गई थी. सर्वे करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष का मुस्लिम पक्ष ने विरोध कर दिया था.
9 मई को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और उन्हें हटाने की मांग भी की. इसी को लेकर कोर्ट में तीन दिन बहस चली और फिर गुरुवार को वाराणसी की एक अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र को हटाने संबंधी अर्जी को नामंजूर कर दिया. साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी. जिसके बाद आज से ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम शुरू हुआ.