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बीकानेर,१.Smt अनीता w/o jagdish dudi एक कैदी है जो skrau, बीकानेर की खुली जेल मे है जो पति का मर्डर करके यहां तक पहुंची है।

कुलपति dr रक्षपाल सिंह ने उसको अपने आवास पर नियमविरुध १५००० की नौकरी पर रख रखा है।
वर्तमान मे उसने दूसरे सजा पूरी किए हुए कैदी जगदीश डूडी से शादी कर रखी है वह भी कोठी मे ही रहता है।
२. Skrau में जांगीर नाम का फोर्थ क्लास चपरासी को पूल में ड्राइवर के पद पर लगा रखा है जो की पूर्ण रूप से गैरकानूनी है।
उसकी भी एक रिश्तेदार विधवा को नियमविरूढ कुलपति आवास पर लगा रखा है।
३. वर्तमान में निकाली गई भर्ती मे महाविद्यालयों के अधिष्ठाता की योग्यता को अप्रूव करने के लिए सहायक प्राध्यापक तथा एसोसिएट प्रोफेसर को कमिटी मेंबर बन रखा है जिसे वे खुद सिलेक्ट करते हैं। एक छोटा कर्मचारी बड़े की योग्यता को कैसे अप्रूव कर सकता है? यह सरासर नियमविरूध है।
विश्वविद्यालय मे ना तो विषाधिकारी और न ही अतिरिक्त कुलसचिव का पद skrau मे सृजित है उसके बावजूद गैरकानूनी तरीके से ये पद कुलपति के द्वारा अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए सृजित किए गए जिसके द्वारा राज्य सरकार से mou की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
४.इतना ही नहीं माननीय उच्च न्यायालय को भी इनके द्वारा किए गए आदेशों से उनको गुमराह किया जा रहा है। जबकी राज्य सरकार द्वारा पदस्थापित कुलसचिव एक ras is विश्विद्यालय मे २०१९ से लगे है।
कुलसचिव के रहते हुए अतिरिक्त कुलसचिव dr ip singh द्वारा राज्य सरकार से रोस्टर अप्रूव कराए बिना भर्तियों का विज्ञापन निकाल दिया गया जो कि पूर्ण रूप से सैद्धांतिक तरीके से गलत है।
६. स्वयं की bom के निर्णयों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना सरकार की अनुमति के ये विज्ञापन जारी कर दिया गया जो की पूर्णरूप से गलत है।
७. Skrau मे सीनियर लोगों को जूनियर पदों पर लगाकर उनके आत्मसम्मान को ढेस पहुंचाकर पूर्णरुप से पद का दुरुपयोग किया जा रहा है।
९. SKRAU में सारी नौकरी adhok पर करने वाले को पूरी पेंशन दे दी गई जो की पूर्णतः भष्टाचार का मामला साफ इंगित होता है।
१०.रिटायर होने वाले कर्मचारियों को समय पर ppo जारी नही करके उनको मजबूरन provisioner ppo लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिससे वो मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान है।
११. कुलपति dr रक्षपाल सिंह अपने शैक्षणिक काल मे न तो कभी सहायक प्रोफेसर रहे और न ही dean/ director रहे। Kvk के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर से सत्ता और पैसे के बल से सीधे कुलपति की कुर्सी हतीया ली, जिससे इनको किसी भी प्रकार का प्रशासनिक अनुभव नहीं रहा इसलिए ये skrau को तहसनहस करने मे लगे हैं।
अपनी नौकरी के दौरान भी के up के कुलाधिपति माननीय श्री जोशीजी द्वारा अपनी नौकरी से भी २_४ वर्षों के लिए टर्मिनेट भी किए गए। फिर पैसे और सत्ता के ज़ोर पर कुलपति बन कर २२ अगस्त २०१९ को राजस्थान के ३४ वर्ष पुराने, प्रथम विश्विद्यालय skrau को बर्बाद करने के लिए यहां लगा दिए गए।
१२. इतना ही नहीं सरकारी पैसों का दुरुपयोग करते हुए इन्होंने सरकारी फंड से विदेश यात्राएं की तथा अनर्गल सरकारी पैसों का अपनी गौरव गाथाएं छाप छाप कर पूर्ण रूप से पैसों का दुरुपयोग करने मे लगें है।
१३. Skrau के एफिलिएट colleges से मनमुताफिक भ्रष्टाचारी तरीके से पैसा ले कर उनकी ४० से ६० तथा १२० सीटें कमिटियां बदलकर अपने चमचों द्वारा नियमविरुध सीटें बढा दी गई जो की पूर्ण रूप से जांच के दायरे मे आती है।

१४.अपने चमचों और घोटालेबाज जूनियर को विभिन्न सीनियर कमिटी में रख कर उनको ddo पावर तक दे रखा है।
१५.२०१८ मे हुई ड्राइवरों की भर्ती में उनसे पैसे लेकर अयोग्य व्यक्तियों को फर्जी दस्तावेजों से उनको भर्ती कर ली गई जो की पूर्णरूप से जांच के दायरे मे आती है।
१६.अशैक्षणिक कर्मचारी sh vipin ladda को अपना osd, bom का मेंबर,नियमविरुद
कुलसचिव का कार्यभार दे कर समस्त उल्टे कार्य किए जा रहे हैं।
इस प्रकार के अनेक कार्य dr रक्षपाल सिंह के कार्यकाल में हो रहे है तथा किए जा चुके हैं जिन पर राज्य सरकार को तुरंत एक उच्च स्तरीय जांच कमिटी बैठा कर इनके खिलाफ त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए और इनको पद से हटा कर विश्वविद्यालय को बर्बाद होने से बचाया जन चाहिए।

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