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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने शनिवार को पशुधन अनुसंधान केन्द्र, डग, झालावाड़ का दौरा किया एवं मालवी गौवंश के उन्नयन एवं संरक्षण हेतु विभिन्न अनुसंधान कार्यों का जायजा लिया। इस अवसर पर माननीय कालुराम जी, विधायक, डग एवं अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, नवानियां प्रो. राजीव कुमार जोशी उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. गर्ग ने दौरे के दौरान पशु अनुसंधान केन्द्र स्थित पशुपालन डिप्लोमा कार्यक्रम, भवन, कैटल शैड का भ्रमण कर नस्ल संरक्षण एवं अनुसंधान कार्यों हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। प्रो. गर्ग ने बताया कि पशु अनुसंधान केन्द्र पर वैज्ञानिक तौर पर उन्नत प्रबंधन द्वारा झालावाड़ क्षेत्र की प्रमुख नस्ल मालवी गौवंश की दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी करके मालवी गौवंश द्वारा आमजन में कम दुग्ध उत्पादन की मिथक धारणा को तोड़ा गया, जो कि सराहनीय कार्य है। कुलपति ने पशुधन अनुसंधान केन्द्र में स्थित पशुपालन डिप्लोमा कार्यक्रम में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को भी सम्बोधित किया। पशु अनुसंधान केन्द्र पर भ्रमण का कार्यक्रम केन्द्र प्रभारी डॉ. लोकेश गौतम की देखरेख में हुआ।

कुलपति प्रो. गर्ग ने किया पशुधन अनुसंधान केन्द्र एवं पशु विज्ञान केन्द्र, बोजून्दा, चित्तौड़गढ़ का निरीक्षण
बीकानेर, 11 अक्टूबर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने रविवार को पशुधन अनुसंधान केन्द्र एवं पशु विज्ञान केन्द्र, बोजून्दा, चित्तौड़गढ़ का निरीक्षण व अवलोकन किया। कुलपति प्रो. गर्ग ने इन केन्द्रों के सुचारू संचालन हेतु सिरोही बकरी प्रजनन फार्म, कृषि फार्म, रोग निदान प्रयोगशाला का निरीक्षण किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये। कुलपति प्रो. गर्ग ने आत्मा परियोजना के अन्तर्गत केन्द्र पर संचालित दो दिवसीय वैज्ञानिक पशुपालन एवं प्रजनन शिविर के प्रशिक्षार्थियों एवं पशुपालकों को सम्बोधित किया और विश्वविद्यालय द्वारा पशुपालकों के लिए संचालित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय पशुपालकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगा। कुलपति प्रो. गर्ग ने बताया कि पूरे देश में राजस्थान ही एक ऐसा राज्य है जिसकी कुल आय का आधे से ज्यादा हिस्सा पशुपालन और कृषि के माध्यम से आता है राज्य सरकार ने पशुपालकों और किसानों के जीवन एवं पशुपालन के महत्व को देखते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में पशु विज्ञान केन्द्र एवं पशुधन अनुसंधान केन्द्र खोले हैं। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि पशुपालकों को पशु विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए ताकि परम्परागत पशुपालन में नवीनतम तकनीकों का समावेश कर वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन कर अधिक आमदनी प्राप्त की जा सके और पशुपालन को व्यावसायिक रूप प्रदान किया जा सके। कुलपति प्रो. गर्ग द्वारा पशु विज्ञान केन्द्र पर स्वचालित मिल्क एनालाइजर मशीन का उद्घाटन भी किया गया। प्रशिक्षण में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेताओं को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये। कुलपति प्रो. गर्ग ने पशु विज्ञान केन्द्र एवं पशुधन अनुसंधान केन्द्र पर संचालित विभिन्न कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, नवानियां प्रो. राजीव कुमार जोशी नवानियां, उदयपुर उपस्थित रहे। पशु विज्ञान केन्द्र प्रभारी डॉ. मुकेश कुमार शर्मा एवं पशुधन अनुसंधान केन्द्र प्रभारी डॉ. मिठालाल गुर्जर ने केन्द्रों पर संचालित विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया। इस दौरान डॉ. मुकेश कुमार मीणा, डॉ. आसिफ मोहम्मद, डॉ. परमजीत, डॉ. अनिल मोरदिया, डॉ. पवन कटेवा एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

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