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बीकानेर,पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केंद्र, राजुवास, बीकानेर द्वारा पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर के विभिन्न विभागों में अध्ययनरत स्नातकोत्तर एवं विद्या वाचस्पति छात्र-छात्राओं को पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण विषय पर मंगलवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए केन्द्र की प्रमुख अन्वेषक डॉ. दीपिका धूड़िया ने कहा कि जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित निस्तारण एवं प्रबंधन के प्रति जागरूगता चिकित्सकीय कार्य करने वाले विद्यार्थियों में होना अन्यन्त आवश्यक है। निस्तारण में जरा सी लापरवाही बहुत से रोगों को बढ़वा दे सकती है तथा वातावरण को प्रदूषित कर सकती है अतः पशु जैव चिकित्सा अपशिष्ट का उचित प्रबन्ध व निस्तारण किया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय, चिकित्सालयों में कार्यरत कर्मचारियों को एवं पशु चिकित्सा स्नातकोत्तर एवं पशु चिकित्सा वाचस्पति विद्यार्थियों को इसका प्रायोगिक ज्ञान होना बहुत आवश्यक है ताकि वे स्वयं को एवं समाज को संक्रामक बीमारियों के प्रकोप से बचा सके तथा वातावरण को प्रदूषित होने से भी रोक सके। डॉ. वैशाली एवं डॉ. बसन्त ने प्रशिक्षणार्थियों को बायोमेडिकल अवशेष के उचित निस्तारण पर व्याख्यान व प्रायोगिक ज्ञान प्रदान किया। प्रशिक्षण समापन पर विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए।

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