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बीकानेर, पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केंद्र, राजुवास, बीकानेर में पशुपालन विभाग, बीकानेर संभाग के विभिन्न पशु चिकित्सालयों व पशु उपकेन्द्रों पर कार्यरत पशुधन सहायकों का पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ अधिष्ठाता एवं संकाय अध्यक्ष प्रो. आर.के. सिंह द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय के पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केन्द्र की प्रमुख अन्वेषक डॉ. रजनी जोशी ने बताया कि पशुधन सहायकों को जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट का निस्तारण पूरी ज़िम्मेदारी के साथ करना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, क्षेत्र बीकानेर डॉ. हुकमा राम ने कहा कि पशुओं के रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण मानव और पशु जगत के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। डॉ. वीरेंद्र नेत्रा, उपनिदेशक, कार्यालय पशुपालन विभाग ने बताया कि पशुचिकित्सकीय अपशिष्ट का उचित प्रबंधन एवं निस्तारण किया जाना जरूरी है साथ ही उन्होने सभी प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए कार्याे को अन्य पशुधन सहायकों, संबन्धित स्टाफ एवं प्रयोगशाला सहायक तक जन जागरूकता के रूप मेँ पहुंचाये। केन्द्र के सह-अन्वेषक डॉ. दीपिका धूडिया, डॉ. मनोहर सैन एवं डॉ. महेंद्र तंवर ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। प्रशिक्षण मे डॉ. मनोहर सेन, डॉ. देवेंद्र चौधरी व डॉ. चाँदनी जावा ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के पृथक्करण व निस्तारण का प्रायोगिक विवरण दिया। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजुवास की परीक्षा नियंत्रक, प्रो. उर्मिला पानू मौजूद रही।

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