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बीकानेर । कोरोना महामारी के बीच जब विश्व के अनेकों विकसित देशों की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है ऐसे में भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में भविष्य के आत्मनिर्भर भारत का एक स्वस्थ,सुन्दर,दक्ष और विकसित राष्ट्र की कल्पना को साकार करने की दिशा में विकासोन्मुखी बजट प्रस्तुत किया है।

इस बजट में देश के गरीब कल्याण, किसानों कल्याण, रोजगार के भरपूर अवसर, मध्यम वर्ग के लिये 80 लाख मकानों की उपलब्धता के साथ देश मे डिजिटल क्रांति की पहल की गई है।

देश मे दूरदराज क्षेत्रों और पर्वतों को जोड़ते हुए 25 लाख किलोमीटर की सड़कें, 400 आधुनिक वंदे भारत रेल, आधुनिक रेलवे स्टेशन, 60 लाख रोजगार के अवसर, MSME को मजबूत करने के उपाय, युवाओं के लिये स्टार्टअप प्रोत्साहन, 1 करोड़ गरीब महिलाओं के लिए रसोई गैस कनेक्शन, 3 करोड़ घरों तक नल से पानी पहुचाने के लिये 59 हज़ार करोड़ का बेहद महत्वपूर्ण कार्य और पहली बार देश मे नदियों को जोड़ने की मत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना को साकार करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है।

इस बजट में भारत की प्राचीन अर्थव्यवस्था को नए सिरे से परिभाषित किया गया है और भविष्य की नई चुनौतियों के लिए पहले से ही समाधान का समावेश किया गया है।

9.2 प्रतिशत की विकास दर से देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाला बजट बजट बेहद संतुलित एवं देश की अर्थव्यवस्था को जीवंत करने वाला बजट है।

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