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बीकानेर,राजस्थान बीजेपी में चल रही खींचतान के बीच वसुंधरा राजे 4 मार्च को अपने जन्मदिन पर कथित शक्ति प्रदर्शन कर रही है.

2022 में बूंदी के केशोरायपाटन में जन्मदिन मनाने के बाद इस बार चूरू के सालासर में बड़ा आयोजन हो रहा है. चूरू सांसद राहुल कस्वां से लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, कैलाश मेघवाल, कालीचरण सराफ, यूनुस खान और प्रतापसिंह सिंघवी कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी संभाले हुए है. वसुंधरा राजे के शक्ति प्रदर्शन के क्या मायने है.

वसुंधरा राजे की मुख्यमंत्री फेस की दावेदारी

राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी किसी को चेहरा नहीं बनाएगी. पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में सीएम पद के कई दावेदार उभर रहे है. वसुंधरा राजे भी जन्मदिन पर भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है. ताकि अपने समर्थकों में ये संदेश दिया जा सके कि सीएम पद की दावेदारी में वो अब भी बनी हुई है. ग्रामीण इलाकों में बड़ी तादात में ऐसे लोग है जो आज भी खुल तौर पर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते है.

दिल्ली को संदेश

वसुंधरा राजे की कोशिश है कि केंद्रीय नेतृत्व को ये भरोसा दिलाया जाए कि उनके साथ आज भी समर्थकों की एक बड़ी फौज है. जन्मदिन पर भीड़ जुटाकर यही संदेश देने की कोशिश होगी. चूंकि अब तक किसी को सीएम फेस नहीं बनाया है. तो आलाकमान को संदेश दिया जाएगा कि वो राजस्थान की मजबूत नेता है. पार्टी को मजबूती से वापसी दिलाने में भी सक्षम है.

राजस्थान बीजेपी का बड़ा फेस

राजस्थान बीजेपी के वर्तमान हालातों में मजबूत नेताओं की बात की जाए तो गजेंद्र सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया, किरोड़ीलाल मीणा जैसे कई नाम है. लेकिन राजे को छोड़कर किसी भी नेता ने अब तक भीड़ जुटाने की न तो कोशिश की और न ही उनके कार्यक्रमों में भीड़ जुटी. ऐसे में माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन कर संदेश देगी कि प्रदेश की सियासत का आज भी वो बड़ा चेहरा है.

सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ को संदेश

राजस्थान बीजेपी के मुखिया सतीश पूनिया भी शेखावाटी से है. नेता प्रतिपक्ष का पद खाली होने से उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ दूसरे सीनियर नेता है. वो भी शेखावाटी से है. ऐसे में वसुंधरा राजे राठौड़ और पूनिया के गढ़ में भीड़ जुटाकर ये संदेश देना चाहती है कि वो सिर्फ हाड़ौती या धौलपुर तक ही नहीं. पूरे प्रदेश में भीड़ जुटाऊ नेता है. रणनीतिक रूप से वो इन दोनों नेताओं को चेतावनी भी देती नजर आएगी.

वसुंधरा राजे समर्थकों का जोश बनाए रखना

राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे है. पार्टी कार्यकर्ता और नेता एक सवाल का जवाब ढ़ूंढ़ रहे है कि कौनसे नेता के हाथ कमान होगी. कौनसा नेता चुनावों में मजबूत रहेगा. टिकट वितरण में किसकी कितनी भूमिका होगी. वसुंधरा राजे चुनावी साल में शक्ति प्रदर्शन कर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश बनाए रखना चाहती है. ताकि समर्थक उनसे दूर न जाए.

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