
बीकानेर,बीकानेर से दिल्ली कैंट के लिए प्रारम्भ होने वाली नई वंदे भारत से बीकानेर और शेखावाटी क्षेत्र का हरियाणा के प्रमुख शहरों और दिल्ली से तेज सम्पर्क स्थापित होगा तीव्र सम्पर्क और आरामदायक यात्रा के नए अध्याय की शुरूआत होगी
भारतीय रेलवे ने अपनी अविस्मरणीय यात्रा में कई ऐतिहासिक मुकाम हासिल किए हैं। इसी यात्रा की सबसे अहम कड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस का आगमन निश्चय ही एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन न केवल गति और आधुनिक तकनीक का मेल है बल्कि देश की आत्मनिर्भर इंजीनियरिंग क्षमता और आधुनिक सोच का भी प्रतीक है। भारत में वंदे भारत ट्रेने यात्रियों के लिए तीव्र आवागमन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ विश्वस्तरीय सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रही है। 15 फरवरी 2019 को पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरूआत के बाद आज पूरे देश में संचालित होने वाली 152 वंदे भारत ट्रेनें अपने लगातार बढ़ते नेटवर्क के साथ रेल यात्रा में नए आयाम स्थापित कर रही है। जिसमें कश्मीर के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सेवाएं भी शामिल हैं। 24 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सेवा प्रदान करने वाली वंदे भारत ट्रेनों ने वर्ष 2023-24 में पृथ्वी के चारों ओर लगभग 311 चक्कर लगाने जितनी दूरी तय की है। इन वंदे भारत ट्रेनों ने गति, सरक्षा और सेवा के नए वैश्विक मानक की नई कहानी लिख दी है।
वंदे भारत ट्रेन के बारे में उल्लेखनीय है यह श्ट्रेन मेक इन इंडियाश् पहल के तहत पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक से डिजायन और निर्मित है। इसका आधुनिक डिज़ाइन, 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक की अधिकतम गति, आकर्षक एयरो-डाइनेमिक डिजाइन, आंतरिक साज-सज्जा, 360 डिग्री तक घूमने वाली आरामदायक सीटें, स्वचालित तकनीक युक्त दरवाज़े, हर सीट के लिए मोबाइल चार्जिंग सुविधा, बेहतर एयर कड़ीशनर के कंट्रोल प्रणाली, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, फायर कंट्रोल सिस्टम, आपातकालीन अर्लाम पुश बटन और टॉक बैंक यूनिट्स, जीपीएस-आधारित सूचना प्रणाली, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं और बायो-वैक्यूम टायलेट्स जैसे अनेकों फीचर्स यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का अहसास करवाते हैं। इसके साथ ही संरक्षा के लिए कवच प्रणाली भी इसके मजबूत तकनीक पहलू का सशक्त प्रमाण है। वंदे भारत ट्रेनों में गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री के लिए मिनी पेंट्री जिसमें हॉट केस, बॉटल कूलर, डीप फ्रीजर और हॉट वॉटर बायलर की सुविधा प्रदान की गई है। इन ट्रेनां में यात्रियों के लिए जैन खाना सहित अन्य स्थानीय खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करवाई जा रही है जो यात्रा में खाने के अनुभव को और अधिक आकर्षक बना रहा है।
विगत कई दिनों से जोधपुर और बीकानेर से नई वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की चर्चा हो रही थी और उसी के अनुरूप 25 सितम्बर को बांसवाड़ा, राजस्थान से श्री नरेन्द्र मोदी, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर विधिवत रूप से प्रारम्भ किया जाएगा। यह दोनों वंदे भारत ट्रेने राजस्थान में हो रहे विकास की कड़ी में नए अध्याय की शुरूआत करेंगी। किसी भी स्थान के लिए बेहतर कनेक्टिविटी उस स्थान और निकटवर्ती क्षेत्र को समृद्धि की राह पर लेकर जाती है और निश्चित तौर पर उस क्षेत्र का विकास होता है। वंदे भारत जैसी तेज गति वाली ट्रेने न केवल यात्रियों को आरामदायक सफर की अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि क्षेत्र में रोज़गार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।
बीकानेर से दिल्ली कैंट के बीच संचालित होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 448 किलोमीटर की दूरी लगभग 6 घंटे में तय करेगी। वर्तमान में इस मार्ग पर संचालित गाड़ी सं. 12458, बीकानेर-दिल्ली कैंट एक्सप्रेस रेल सेवा 7 घंटे से अधिक समय में तय करती है। रतनगढ़, चूरू, सादुलपुर, लोहारू, महेन्द्रगढ़ और गुड़गाँव स्टेशनों पर ठहराव होने से इन क्षेत्र के यात्रियों को सुगम व तीव्र रेल सफर की अनुभूति मिलेगी। बीकानेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन से राजस्थान और हरियाणा के निवासियों को इस मार्ग पर तीव्र एवं सुगम रेल परिवहन उपलब्ध होगा। इस रेल सेवा से राजस्थान के बीकानेर, श्री डूंगरगढ़, चुरू एवं हरियाणा के भिवानी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और दिल्ली के दक्षिण पश्चिम दिल्ली जिलों के निवासी लाभान्वित होंगे।
वंदे भारत ट्रेन के संचालन से बीकानेर के विभिन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा एवं राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र और हरियाणा के विभिन्न भागों से तीव्र सम्पर्क स्थापित होगा। इस ट्रेन के संचालन से क्षेत्र में व्यापारिक और सामाजिक सम्बंध सुदृढ़ होंगे और रोजग़ार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
वंदे भारत ट्रेने न केवल भारत में रेल यात्रा के मानकों को ऊँचा उठा रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि भारत वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में किसी से पीछे नहीं। जैसे-जैसे वंदे भारत ट्रेनों की संख्या और क्षेत्र नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, उसको देखते हुए यात्री ऐसे भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं जहाँ रेल यात्रा केवल गंतव्य तक पहुँचने का साधन नहीं होगी, बल्कि एक निर्बाध, संरक्षित और सुखद अनुभव प्रदान करने वाला गौरवमय पल भी है।