बीकानेर,छठे राज्य वित्त आयोग के सदस्यों ने बुधवार को संभाग के विभिन्न जिलों के शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर शहरों के ढांचागत व सुविधाओं के विकास पर विस्तार से चर्चा की।
संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय आडिटोरियम में आयोजित बैठक में छठे राज्य वित्त आयोग के सदस्य डॉ लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि यदि निकाय बाध्यकारी कर वसूल नहीं करेंगे तो संबंधित निकाय का अनुदान रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय अपने नियमित कार्यों के साथ- साथ आमजन का हैप्पीनैस इंडेक्स बढ़ाने के लिए नवाचार भी करें। नवाचार और अनुकरणीय कार्य करने वाले शहरी स्थानीय निकाय को 10 प्रतिशत इनसेंटिव देने की सिफारिश पर आयोग द्वारा गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निकाय कर के माध्यम से आय बढ़ाने की दिशा में कार्य करें। केवल अनुदान पर निर्भर ना रहें।मितव्ययता अपनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कार्य की नियमित मानिटरिग हों। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट से आय सृजन के लिए कार्मिकों को पुणे, सूरत भेजकर प्रशिक्षण दिलवाएं और इस दिशा में काम शुरू करें।
आयोग सदस्य डॉ अशोक लाहोटी ने कहा कि निकायों में जनप्रतिनिधिगण और अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल करते हुए उपलब्ध संसाधनों का कुशलतम उपयोग कर शहर की जनता को राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि विज्ञापन, फायर एन ऐसी, यूटी टैक्स सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां से निकाय आय जुटा सकते हैं।
डा लाहोटी ने कहा कि नगरीय निकाय यूटी टैक्स कलेक्शन करें और इसे प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दें। नगरपालिका अपने शहर के विकास के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भिजवा सकती हैं। आज भी प्रदेश के निकायों में सीवरेज के पानी से , वेस्ट से आय नहीं हो रही , यह बहुत नकारात्मक पक्ष है। नगरीय निकायों में प्रोपर्टी सर्वे हो, ताकि टैक्स कलेक्शन हो सके।
आयोग सचिव एस सी देराश्री ने आयोग के वित्तीय पक्ष पर बात रखी। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय इनसेंटिव प्राप्त करने हेतु उचित प्रस्ताव समय पर भिजवाएं।
*सदस्यों ने ली वन टू वन रिपोर्ट*
बैठक में निकायों को साफ़ सफाई, सीवरेज, युवा विकास सहित राज्य व केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ देने के लिए किए गए कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
आयोग सदस्यों द्वारा मूलभूत ढांचा विकास, फ्लैगशिप योजनाओं पर कार्य, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, घर घर कचरा संग्रहण आदि बिन्दुओं पर वन टू वन रिपोर्ट ली गई।
संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के पवन ने कहा कि
निकायों को रेगुलेशन व मानिटरिग के स्तर पर सही तरीके से काम करने की जरूरत है। निकायों में प्रशासनिक अमले में स्थायित्व की आवश्यकता है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर तालमेल से ही शहर का विकास संभव है।
निकायों में सिस्टेमेटिक बदलाव लाने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय अवैध कब्जे और अतिक्रमण हटवाने पर सबसे ज्यादा ध्यान दें तथा विज्ञापन के जरिए आमदनी बढ़ाएं।
बीकानेर नगर निगम महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने वित्तीय अनियमितताएं सुलझाने के लिए एक मैकेनिज्म की आवश्यकता जताई तथा बीकानेर नगर निगम की विभिन्न गतिविधियों व नवाचारों की भी जानकारी दी।
बैठक में अध्यक्ष देशनोक नगरपालिका ओमप्रकाश मूंदड़ा, रावतसर नगरपालिका से श्यामसुंदर मेघवाल , सूरतगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष, सुजानगढ़ से नीलोफर सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने नवाचार व अन्य सुझाव दिए।
*बैठक में अनुपस्थित अधिशासी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस*
आयोग सदस्यों ने बैठक में उपस्थित नहीं होने वाले नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सदस्यों ने कहा कि ज़वाब संतोषजनक नहीं तो जिला कलक्टर कार्यवाही प्रस्तावित करें ।
इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय के ढांचे पर विस्तार से बात करते हुए आयोग के संयुक्त सचिव राजेश गुप्ता ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि लोकतंत्र में स्थानीय स्वशासन सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन्हीं के द्वारा आमजन के मुद्दों को सबसे प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सकता हैं। इसी क्रम में शहरी स्थानीय निकाय को संवैधानिक दर्जा दिया गया। राज्य वित्त आयोग का गठन इन संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए किया गया। राज्य में छठा राज्य वित्त आयोग इन संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए शीघ्र सिफारिश प्रस्तुत करेगा।
बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने निकायों को दिए जाने वाले अनुदान में शहर की आबादी में बढ़ोतरी को आनुपातिक रूप से जोड़ने, प्रकाश व्यवस्था, सेनीटेशन आदि पर अधिक फोकस करने के साथ प्राइमरी शिक्षा व स्वास्थ्य को शामिल करने तथा अधिक आय पर अधिक इनसेंटिव मिलने के सुझाव दिए।
हनुमानगढ़ जिला कलक्टर रुकमणी रियार ने निकायों में कार्मिक बढ़ाने, अच्छे फर्म को टेंडर में शामिल करने, श्रीगंगानगर जिला कलक्टर सौरभ स्वामी ने सेनीटेशन, सेग्रीगेशन के माध्यम से आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। चुरु कलक्टर सिद्धार्थ सियाग ने कहा कि निकाय यदि बेहतर काम करेंगे तो लोगों की कर देने में रुचि बढ़ेगी। इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ए एच गौरी, आयुक्त नगर निगम बीकानेर अरुण प्रकाश शर्मा, सहित संभाग की विभिन्न जिला परिषद, नगरपालिकाओं के सभापति व अन्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे।