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बीकानेर,गहलोत सरकार अगले सप्ताह तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का जश्न मनाने की तैयारी में लगी है। सरकार के तीन साल बेमिसाल रहे है। गहलोत सरकार को पूरे तीन साल सरकार को बचाए रखने, पार्टी में अपने प्रतिद्वंदियों न ईको मात देने तथा सरकार को स्थिरता देने में ही लग गए। गहलोत दावा कर रहे हैं कि उन्होंने सब को मात दे दी। गहलोत सरकार की तीन साल की यही बड़ी उपलब्धि है। उनका आरोप है की अमित शाह के ऑफिस में सरकार गिराने की साजिश रची गई। शाह सफल नहीं हुए। सचिन को पूरी तरह इन तीन सालों में लाइन में लगा दिया। यह भी बड़ी उपलब्धि रही। इन तीन सालों में सरकार बचाने, विरोधियों को मात देने और कई चुनौतियों के बावजूद सरकार को बनाए रखना बड़ी उपलब्धि रही है। इस जादूगिरी का राष्ट्रीय कांग्रेस, भाजपा और पूरा देश लोहा मान रहा है। सच में गहलोत की तीन साल की इन उपलब्धियों का राजनीतिक विश्लेषण करने योग्य है। राज्य सरकार तीन साल की उपलब्धियों में मायावी आंकड़े कुछ भी दिखा दें सच तो यह है की कोरोना काल, आर्थिक संकट, सरकार के खजाने में धन की कमी के चलते कुछ भी नहीं कर पाई। यहां तक मुख्यमंत्री इस दौर में जनता से मिले तक नहीं। फिर भी सरकार और प्रशासन बखूबी चलाया। दावा है कि जन घोषणा पत्र के तीन साल में 70 फीसदी वादे पूरे किए है। खैर राजनीतिक दावेदारी तो रहेगी ही। कुल मिलाकर कुछ नहीं करके भी जनता में बहुत कुछ करने का आभास गहलोत सरकार ने दिया है। यही गहलोत सरकार के तीन साल की बेमिसाल उपलब्धि है। जिसका जश्न मनाया ही जाना चाहिए।

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