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जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने शुक्रवार को नवनियुक्त शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला से मुलाकात की और सर्व प्रथम शिक्षा मंत्री बनने पर अभिभावकों की ओर से अभिनंदन किया, इसके उपरांत संघ के प्रतिनिधि मंडल ने स्कूलों में आ रहे कोरोना के मामलों को लेकर 10 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र शिक्षा मंत्री को भेंट किया, जिस पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही अभिभावकों की मांगों और सुझावों पर कार्य किया जाएगा।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद नवनियुक्त शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला से मुलाकात का समय मांगा गया था, शुक्रवार को प्रातः 10 बजे संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से सोहन्दर्य वातावरण में मुलाकात हुई और मंत्री बीड़ी कल्ला का पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिभावकों की ओर से अभिनंदन किया गया। इसी दौरान शिक्षा मंत्री को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया। बीड़ी कल्ला से चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने स्कूलों में बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए अभिभावकों की बात रखी, जिसमे मुख्य रूप से स्कूलों को 50 फीसदी क्षमता करने, स्कूलों को ऑनलाइन का ऑप्शन अनिवार्यता के साथ देने की प्रमुखता से मांग रखी, साथ ही स्कूलों में राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी की पालना के लिए जांच कमेटी गठित करने की मांग रखी। शिक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चन्द्रमोहन गुप्ता, जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा, यश जसवानी, एडवोकेट जितेंद्र शर्मा, संजय शर्मा, हर्षित अग्रवाल, संदीप छाबड़ा, राजेन्द्र भवसार आदि सहित अन्य अभिभावकों ने मुलाकात की।

*अभिभावकों की 10 सूत्रीय मांगे :-*

1) स्कूलों को तत्काल अनिवार्यता के साथ ऑनलाइन कक्षाएं का विकल्प उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए जाएं।

2) स्कूलों को लेकर जारी एसओपी की पालना के लिए जांच कमेटी गठित कर समय-समय पर निरक्षण किया जाए, एसओपी फॉलो नही करने वाले स्कूलों पर कार्यवाही तय की जाए और मान्यता पर विचार किया जाए।

3) स्कूलों में शामिल हो रहे प्रधानाध्यक, अध्यापक, स्कूल स्टाफ, छात्र-छात्राओं और अभिभावकों की कोविड़ जांच समय-समय पर सुनिश्चित की जाए।

4) स्कूलों की क्षमता पूर्व की भांति वापस 50 फीसदी की जाए और स्कूलों में शामिल होने वाले बच्चों और शिक्षकों पर ऑड-ईवन फार्मूला लागू करवाया जाए।

5) स्कूलों के संदर्भ में आदेश देने से पूर्व अभिभावकों और छात्र-छात्राओं के सुझावों को प्राथमिकता दी जाए।

6) स्कूलों में कोरोना को लेकर बरती जा रही अनियमिता की शिकायत दर्ज करवाने को लेकर शिक्षा विभाग का हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाए।

7) प्रदेशभर में ब्लॉक स्तर पर कोरोना हेल्प डेक्स स्थापित किये जायें।

8) अभिभावकों की शिकायतों अधिकारी तत्काल रिसीव करें और गंभीरता से लेकर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

9) स्कूलों द्वारा बरती जा रही अनियमिता का सबसे प्रमुख कारण स्कूलों की फीस का मसला है, जिसके सन्दर्भ में राजस्थान हाईकोर्ट 18 दिसम्बर 2020 और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 03 मई 2021 को आदेश दे चुके है। यही नही स्कूलों की एसोसिएशन द्वारा रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई जिस पर भी 1 अक्टूबर 2021 को आदेश आ चुका है। किन्तु आज दिनांक तक भी कोर्ट के आदेशों की ना पालना हुई है ना कोर्ट के आदेश का सम्मान स्कूलों और शिक्षा विभाग द्वारा करवाया गया।

10) फीस एक्ट 2016 और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में अलग से एक वार्तालाप आपके सानिध्य में करना चाहते है अतः उपयुक्त समय उपलब्ध करवा, अभिभावकों के पक्ष को सुना जाए।

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