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बीकानेर। कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से देश भर के स्कूल-कॉलेज बंद हो गए। इसी के साथ स्टूडेंट्स की पढ़ाई-लिखाई भी बुरी तरह प्रभावित हुई। स्टूडेंट्स की पढ़ाई फिर से प्रारंभ हो सके इसके लिए सरकारों ने मोबाईल के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस के द्वारा स्टूडेंट्स को फिर से शिक्षा के साथ जोड़ने का प्रयास किया, मगर बहुत से स्टूडेंट्स के पास मोबाईल न होने के कारण वे इस ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से नहीं जुड़ सकें। अब राजस्थान सरकार ने एक अनोखी पहल की है जिसके तहत सरकारी टीचर हरेक स्टूडेंट्स के घर बारी-बारी से जाएंगे और पढ़ाएंगे।

राजस्थान सरकार की इस योजना के बारे में बात करते हुए राजस्थान शिक्षा विभाग के निदेशक सौरव स्वामी ने कहा, “राज्य के 75 लाख छात्रों में से कई के पास मोबाइल फोन नहीं है।इसलिए राज्य सरकार ने फैसला किया कि शिक्षक सप्ताह में एक बार कक्षा 1-8 के लिए और सप्ताह में दो बार कक्षा 9-12 के लिए स्टूडेंट्स के घर जाएंगे।”

ऐसी ही एक पहल के तहत बाड़मेर में कुछ शिक्षक ऊंट द्वारा रेगिस्तानी इलाकों में छात्रों के घरों तक पूर्व से ही जाते हैं, क्योंकि यहां मोबाइल नेटवर्क की सीमित पहुंच है। इस बारे में बताते हुए भीमथल के गवर्नमेंट हायर सीनियर स्कूल के प्रिंसिपल रूप सिंह झाकड़ कहते हैं, “मैं शिक्षकों की इस टीम को सलाम और धन्यवाद देता हूं। इसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए।”

संभव हो कि बाड़मेर के शिक्षकों के पहल से ही प्रेरित होकर राजस्थान सरकार ने स्टूडेंट्स के घर जाकर पढ़ने की योजना प्रारंभ की हो। हालांकि सरकार ने इसका कोई उल्लेख नहीं किया है। मगर यह पहल काफी उपयोगी है और हो सकता है कि भविष्य में अन्य राज्य भी इस पहल को आगे ले जाएं।

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