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बीकानेर,माँ ममता की मूरत है पिता आत्मविश्वास गुरुजन तो भगवान है चौथा अंतरस्वास। किसी कवि की इन पंक्तियों में माता, पिता और गुरू की महिमा बताती है। इससे इतर अगर कोई माता-पिता को ही गुरू मान लें जो वास्तव में होते ही हैं तो भगवान की तलाश में भी भटकने की जरूरत नहीं होती। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेअर किए गए एक फोटो को देखकर कुछ ऐसा ही लगा।फोटो है केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और उनकी धर्मपत्नी पानादेवी का। दृश्य यह है कि उनके पुत्र रविशेखर दोनों को साथ खड़े कर उनका पूजन कर रहे हैं। आमतौर पर ऐसा देखने में नहीं आता। रविशेखर मेघवाल से जब इस बारे में पूछा तो बोले, यह मेरी भावना है। मैं अपने माता-पिता को ही गुरू और भगवान मानता हूं।यह फोटो हालांकि आज का यानी इस गुरूपूर्णिमा के दिन का नहीं बल्कि पहले का है। आज पिता अर्जुनराम मेघवाल दिल्ली में मीटिंग में हैं। मैं यहां बीकानेर में मोदीजी की सभा के लिए कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहा हूं । ऐसे में इस दिन प्रत्यक्ष पूजा नहीं कर पाने के कारण यह पुरानी फोटो शेयर की है।

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