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बीकानेर,केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने मंगलवार को नालबाड़ी तलाई में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना (रिचार्ज शाफ़्ट) का उद्घाटन कर बीकानेर जिले में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ का शुभारंभ किया।
नालबाड़ी में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि स्वच्छता अभियान के बाद वर्षा जल संचय और संरक्षण एक ऐसा लक्ष्य है, जिससे आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 11 करोड़ शौचालय निर्माण कर 60 करोड़ लोगों को स्वच्छता से जोड़ा गया। पंद्रह करोड़ घरों तक जल जीवन मिशन के माध्यम से पानी पहुंचाया गया। इससे देश की महिलाओं के 5.5 करोड़ घंटे बच सके हैं। महिलाओं का जीवन आसान हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार शुद्ध पानी मिलने से 4 लाख बच्चों का जीवन बच सका है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के कारण पेयजल किल्लत की स्थिति बन रही है। समय रहते नहीं चेते तो यह विकराल समस्या बन जाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के लोग तो पानी की कीमत को बेहतर तरीके से समझते हैं। उन्होंने कहा कि भूगर्भ में भी पानी सीमित है। जल का अत्यधिक दोहन भविष्य के लिए जल संकट पैदा कर देगा। ऐसे में गांव में हुई वर्षा का पानी व्यर्थ ना हो, यह पानी गांव की जमीन में उतरे। इससे गांव का भूजल स्तर सुधरेगा और सभी प्राकृतिक मिनरल्स के साथ गुणवत्तायुक्त पानी गांव के लोगों को भविष्य में वापस मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान के तहत वर्षा जल संग्रहण और संरक्षण हेतु अब तक साढ़े चार लाख रिचार्ज बोरवेल बनाए गए हैं।
ग्रामीणों से इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए  पाटिल ने कहा कि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करें। व्यर्थ बह रही हर बूंद भूगर्भ में पहुंचे, इस कार्य में सभी अपनी क्षमतानुसार भागीदारी निभाएं। एक जनांदोलन के रूप में इस अभियान को सफल बनाकर आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि श्री रतनलाल भूतड़ा द्वारा राजस्थान में 100 बोरवेल करने का संकल्प लिया है। इस कार्य में अन्य लोग भी जुडें।
इससे पहले नाल बड़ी तलाई में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के सान्निध्य में भामाशाह रामरतन भूतड़ा द्वारा विधिवत्त पूजा कर रिचार्ज शाफ्ट का शिलान्यास किया गया।
इस दौरान जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक  कावेन्द्र सिंह सागर,जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहनलाल,रामरतन भूतड़ा सहित अन्य उद्यमी, सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आईईसी कॉर्डिनेटर गोपाल जोशी ने किया।

प्रदेश में 15 जनवरी से शुरू हुआ ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’
जल संचय,संग्रहण और पुनर्भरण के लिए लिया जाएगा भामाशाहों का सहयोग
जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता मानते हुए ‘जल संचय-जन भागीदारी’ अभियान का शुभारंभ 6 सितंबर 2024 को सूरत में किया गया था। प्रदेश में वर्षा जल संचय, संग्रहण और पुनर्भरण के लिए ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा 15 जनवरी को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री  सीआर पाटिल द्वारा किया गया। अभियान के तहत राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगभग चार रिचार्ज शाफ़्ट का निर्माण भामाशाहों, प्रवासी राजस्थानियों, कॉर्पोरेट की सीएसआर फंड, क्राउड फंडिंग तथा विभिन्न विभागों की योजना अनुसार किया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य गिरते भू-जल स्तर को रोकना, व्यर्थ बहने वाले वर्षा जल का संग्रहण, पुनर्भरण और संरक्षण, जलभृत की उत्पादकता को बढ़ाना, मृदा अपरदन को रोकना, विभिन्न उपयोग के लिए भूजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, जल संरक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करना और आमजन का जल के प्रति व्यवहार परिवर्तन करना है। अभियान के क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी तथा भूजल को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है।

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