बीकानेर,नई दिल्ली,स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की बैठक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटील की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में संपन्न हुई। बैठक में राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, विभाग के शासन सचिव जोगाराम सहित प्रदेश के व केंद्र सरकार के विभिन्न अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित राजस्थान के अधिकारियों ने प्रदेश में विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया जा रहे नवाचारों का प्रस्तुतीकरण केंद्रीय मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने राजस्थान सरकार के पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर द्वारा किए जा रहे नवाचारों को बहुत सराहा। मंत्री ने दिलावर द्वारा प्लास्टिक फ्री राजस्थान बनाने के लिए किया जा रहे जन जागरण के प्रयासों की सराहना की और उन्हें अन्य प्रदेशों के लिए प्रेरणा इस्पात बताया।
सफाई के लिए दर तय करने वाला राजस्थान पहला राज्य: दिलावर ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए घर-घर से कचरा संग्रहण, कचरे का प्रथकिकरण, सड़क एवं नाली सफाई तथा सामुदायिक शौचालय की सफाई के लिए दरें निर्धारित की है।
इतना ही नहीं प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के कार्य संवेदकों के माध्यम से करने की पहल की है। इस पहल के माध्यम से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों की तर्ज पर नियमित सफाई की व्यवस्था संचालित कर राजस्थान को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने हेतु प्रयासरत है।
पंचायती राज मंत्री दिलावर ने बताया कि ओडीएफ प्लस की मॉडल श्रेणी में घोषित सत्यापित गांव को उपखंड अधिकारी द्वारा सत्यापित कराया जा रहा है।जिस से धरातल स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के कार्यों की वस्तु स्थिति का आकलन किया जा सके।
राजस्थान में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियमों की अनुपालन(सिंगल यूज प्लास्टिक को वास्तविक रूप से प्रतिबंधित करने हेतु) के लिए प्लास्टिक वेस्ट रीसायकलर्स/स्टॉकिस्ट/ संबंधित विभागों के साथ लगातार बैठकें कर इस हेतु व्यापक जन जागरण किया जा रहा है।
राजस्थान में कई जिलों में प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन हेतु अनूठे प्रयास कर रहा हैं।जिसमें घरों/ होटल/रेस्टोरेंट/संस्थाओं/ अन्य सार्वजनिक स्थलों से प्लास्टिक बोतले एकत्रित कर उनमें 50 लाख थैलियां भरकर उन्हें चबूतरा बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदेश में कई स्थानों पर स्वच्छता कर्मियों की गरिमा एवं गांव की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए सफाई रथ का उपयोग किया जा रहा है।
समस्याओं और मांगों से केंद्रीय मंत्री को कराया अवगत पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की समक्ष विभिन्न समस्याओं और मांगों को भी उठाया। दिलावर ने मांग की कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत सफाई मित्रों हेतु 50 लख रुपए तक का बीमा की व्यवस्था की जाए। व्यक्तिगत शौचालय हेतु लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में रुपए 12000 का प्रावधान है।उक्त राशि में गत 10 वर्षों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। शौचालय निर्माण में होने वाले व्यय को ध्यान में रखते हुए प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर रुपए 25000 किया जाना व्यावहारिक होगा। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत कचरा संग्रहण वाहनों में जीपीएस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएं। गांव में ग्रे वॉटर की समस्या के समाधान हेतु कवर्ड ड्रेनेज सिस्टम/ स्मॉल बोर सीवर सिस्टम को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना अंतर्गत अनुमति किया जावे,जिससे गांव में धरातल पर स्वच्छता सुनिश्चित हो सकेगी।
गांव में नियमित सफाई कार्य हेतु पूर्व की भांति महात्मा गांधी नरेगा में श्रमिकों का नियोजन अनुमत कराया जाए।
महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कचरा संग्रहण केंद्र का निर्माण कार्य नरेगा में अनुमोदित किया गया है। परंतु ऑनलाइन स्वीकृति हेतु मनरेगा योजना में कोई स्वीकृत श्रेणी उपलब्ध नहीं होने के कारण कचरा संग्रहण केंद्र का निर्माण नहीं हो पा रहा है अतः योजना में इस हेतु श्रेणी उपलब्ध कराई जाए।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सफाई कर्मियों को आधुनिक मशीनरी उपलब्ध कराने तथा सफाई मित्रों को सफाई किट उपलब्ध कराने हेतु बजट का प्रावधान किया जाए।
आई ई सी मद में राशि बढ़ाई जाए पंचायती राज मंत्री ने वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य करने में आ रही समस्याओं से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत स्वच्छता के कार्य हेतु सामग्री का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है।इस हेतु पृथक से बजट प्रावधान किया जाए। नियमित सफाई व्यवस्था संचालन एवं रखरखाव के लिए भी बजट योजना में शामिल किया जाए। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में प्रशासनिक मद में मात्र एक प्रतिशत राशि ही उपलब्ध कराई जाती है। जिससे संविदा कर्मियों को मानदेय का भुगतान एवं अन्य प्रशासनिक कार्य हेतु राशि पर्याप्त नहीं होती है। अतः इस योजना में प्रशासनिक मद में बढ़ोतरी करते हुए राशि पांच प्रतिशत उपलब्ध कराई जाए। स्वच्छ भारत मिशन जन जागरूकता हेतु आई ई सी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) मद में मात्र तीन प्रतिशत राशि का ही प्रावधान है। जिससे योजना का प्रचार प्रसार एवं प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है।इस राशि को बढ़ाकर 5% किया जाए।