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बीकानेर, उछब थरपणा कार्यक्रमों की कड़ी में आज तीसरे दिन प्रज्ञालय संस्थान, बीकानेर जिला उद्योग संघ एवं थार विरासत के साझा आयोजन में बीकानेर पर केन्द्रित एक विशेष त्रिभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन आज शाम नागरी कला भंडार दीर्घा में हुआ।

बीकानेर के वैभव, इतिहास, पुरा-सम्पदा, आलीजापन एवं समृद्ध परंपरा-संस्कृति को रेखांकित करती काव्य की गूंज अनगूंज बनकर आज की काव्य शाम को यादगार बना दिया। काव्यधारा में हिन्दी का सौन्दर्य, उर्दू का मिठास एवं राजस्थानी की ठसक से सराबोर काव्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं आरटीओ नेमीचंद पारीक ने कहा कि आज की प्रस्तुतियों के माध्यम से बीकानेर का गौरव एवं उसके विभिन्न पक्षों को शब्द व लय की जुगलबंदी में सुनकर सुखद अनुभूति हुई, जिससे इस विशेष काव्य गोष्ठी एवं नगर स्थापना दिवस की सार्थकता सिद्ध हुई।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि आलोचक डॉ. उमाकांत गुप्त ने कहा कि बीकानेर की समृद्ध काव्य परंपरा हर दौर में नवाचार करती रही है, उसी क्रम में ऐसी काव्य गोष्ठी महत्वपूर्ण हो जाती है। जिसमें नगर के कवि शायरों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से बीकानेर और बीकानेरीयत को जीवंत कर दिया, जो सार्थक प्रयास है।
विशिष्ट अतिथि राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कमल रंगा ने बीकानेर के समग्र पक्षों को गीत, गजल एवं कविता की त्रिवेणी को शब्द-संवेदनाओं से काव्य-रंगत देते हुए वातावरण काव्यमय कर दिया। इससे नगर की काव्य परंपरा को बल मिला।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए वरिष्ठ शायर कासिम बीकानेरी ने काव्य गोष्ठी के विशेष महत्व को बताते हुए नगर के भाषायी भाईचारे की बात कही।
त्रिभाषा काव्य रसधारा में वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब, कासिम बीकानेरी, वली मोहम्मद ग़ौरी, एवं युवा शायर माजिद ख़ान ग़ौरी ने अपनी ताज़ा ग़ज़लों के उम्दा शे’र प्रस्तुत कर बीकानेर के वैभव को रेखांकित किया।
राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कमल रंगा एवं नेमीचंद पारीक ने बीकाणे की सौरम को शब्द की रंगत दी तो कवि मईनुद्दीन कोहरी ‘नाचीज़’, डॉ गोरी शंकर प्रजापत , गिरिराज पारीक, कैलाश टाक, विप्लव व्यास, जुगलकिशोर पुरोहित, प्रो. नृसिंह बिन्नाणी,शिव प्रकाश शर्मा, हरिकिशन व्यास ने अपनी रचनाओं के माध्यम से बीकानेर के आलीजापन को उकेरा।
वरिष्ठ महिला कवयित्री श्रीमती इन्द्रा व्यास, मनीषा आर्य सोनी, डॉ. चंचला पाठक, मोनिका गौड़ ने अपनी काव्य प्रस्तुतियों से बीकानेर की साझा एवं पाटा संस्कृति के साथ नगर के अलबेलेपन को स्वर दिए। हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी ने नगर की विशेषताओं को अपनी रचनाओं ढाला।
कवि कमल किशोर पारीक, कपिला पालीवाल, लक्ष्मीनारायण आचार्य आदि ने बीकानेर पर केंद्रित कविताओं का वाचन किया।
काव्य गोष्ठी के प्रारंभ में सभी का स्वागत थार विरासत के संजय सांखला ने किया।
काव्य गोष्ठी में नगर के अनेक गणमान्य लोग साक्षी रहे। आभार प्रज्ञालय के राजेश रंगा ने प्रेषित किया।

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