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बीकानेर,एक तरफ तो भारत के तिरंग के लिए हमारे देश में कई कानून बने हुए उसको फहराने को लेकर भी काफी नियमों का ध्यान रखा जाता है लेकिन गुरुवार को कलक्टर परिसर में मतदाता सूचियों में पंजीकरण के प्रति जागरुकता के उद्देश् से कलेक्ट्रेट परिसर में आंगनबाड़ी व महिला बाल विकास परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में जिला कलेक्टर के सामने रोड पर रंगोली बनाई गई। इस रंगोली के बीच में तिरंगे की रंगोली बनाई गई। तिरंगा बनने के बाद उसी तिरंगें पर आंगनबाड़ी में कार्यरत एक महिला के द्वारा पैर मैं जूता पहन कर काफी देर तक तिरंगे पर पांव रखकर रंगोली बनाती रही उसको ये पता नहीं है कि तिरंगा हमारे देश की आन बान शान है उसका इस तरह से पैरो में जूते पहन कर तिरंगे का अपमान किया। जबकि अधिकारी सुषमा आंगनबाड़ी की पर्यवेक्षक से जब बात की हमने तो उन्होंने साफ मना कर दिया तिरंगा झंडा बनी हुई रंगोली नहीं थी ना ही कोई जूते पहन के उस पर खड़ा था इस हरकत को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि अधिकारी को भी तिरंगे का अपमान नहीं लगता वह तो बस स्वीप के तहत मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ड्यूटी निभा रही थी । वहा पास खड़ी आंगनबाड़ी की महिलाओं ने भी इस हरकत को अपनी आंखों देखा पर कहां कुछ नहीं क्योकि एक महिला ने इस तरह की हरकत की है। जब इसकी जानकारी मिली अधिकारियो को तो उन्होंने आनन फानन में तुरंत तिरंगे बने रंगोली को हटा दिया। क्या इस तरह की हरकत किसी को शोभा देता है।

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