बीकानेर, मुरली मनोहर धोरे पर सयुक्त गोचर सरंक्षण एवं विकास मोर्चा की देवी सिंह भाटी के नेतृत्व मे संत किशन महाराज व अन्य संतो के सानिध्य मे बैठक आयोजित हुई।
देवीसिंह भाटी ने गोचर भूमि में अतिक्रमण को बहुत गम्भीरता से लिया। संतो ने ग़ोचर भूमि में बने मंदिरों पर चिंता व्यक्त की समझदार लोग गौ माता की भूमि पर बने मंदिरो से हमेशा दूर रहते है। सरेह नथानिया गोचर के अध्यक्ष ब्रज रतन किराडू ने तीनो गोचर भूमि की 38,000 बीघा गोचर भूमि की सुरक्षा हेतु चिंता व्यक्त की ।
गंगाशहर गोचर के अध्यक्ष बंशीलाल तंवर ने गोचर भूमि पर हुवे अतिक्रमण पर खेद व्यक्त किया।
भीनासर गोचर भूमि के अध्यक्ष कैलाश सोलंकी ने गाय, गोचर, पर्यावरण सरंक्षण एवं विकास हेतु विभिन्न संगठनों को एक साथ आने का आहवान किया।
इस अवसर पर भीनासर गोचर के उपाध्यक्ष व कानूनी सलाहकार शिव गहलोत ने कहां कि इस मानसून में 200 बीघा पर पौधे व घास लगाई जायेगी।
चतुर्भुज राजपुरोहित ने भीनासर गोचर भूमि में कुत्तों के आतंक से गौ वंश को बचाने की पहल की।
ताराचंद नोखवाल ने गोचर भूमि पर अधिक से अधिक मरुस्थलीय पौधे लगाने पर बल दिया।
बैठक में गोचर विकास के पुरोधा निर्मल जी बरडिया ने कहा कि हमारे पास हजारों के तादाद में मरुस्थलीय पौधे तैयार है जो मानसून आने पर गोचर भूमि में लगाये जायेंगे।
बीकानेर गौ सेवा संघ के अध्यक्ष सूरजमालसिंह नीमराना ने गोचर सरंक्षण व विकास के लिए हर सम्भव मदद के लिए सदैव तत्पर रहने को कहा।
सरेनाथानिया गोचर के ट्रस्टी मनोज कुमार सेवग ने कहा कि सूरत सेवा समिति की और से 2100 बीघा में सेवण घास लगाने का कार्य शुरू हो चुका है।
यादवेंद्र चौधरी ने अधिक से अधिक लोगो को इस महाअभियान से जुड़ने को कहा।
विजय कोचर (वंदे मातरम टीम) द्वारा भीनासर गोचर भूमि में सेवण घास लगाई जायेगी। मिलन गहलोत ने हर व्यक्ति से 1 रुपया प्रति दिन के हिसाब से गोचर भूमि के विकास हेतु लोगों को जोड़ने की बात कही। विनोद कुमार, सूरज प्रकाश राव, महेंद्र जोशी (गौ धन मित्र) भवानी सोलंकी, मनोज भाटी, नंद किशोर, रमेश गहलोत, राजकुमार उपाध्याय, निर्मल शर्मा,जय कृष्ण गॉड आदि ने भाग लिया।