नकलीस्तान: एसआइ और रीट नकल प्रकरण में नामजद होने के बाद से तुलछाराम कालेर भूमिगत, पटवारी भर्ती परीक्षा में भतीजे पौरव कालेर ने संभाली नकल गिरोह की कमान
-सात-सात लाख रुपए में नकल कराने का किया सौदा, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के अभ्यर्थियों से लिए चेक
बीकानेर. पहले एसआइ, फिर रीट और अब पटवारी भर्ती परीक्षा। तीनों में नकल गिरोह बेधड़क परीक्षार्थियों से लाखों रुपए में पेपर लीक कराकर नकल कराने के सौदे करते रहे है। एसआइ और रीट परीक्षा में नकल गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस ने सरगना को नामजद कर लिया तो गिरोह की कमान सरगना के भतीजे ने संभाल ली। पटवारी भर्ती परीक्षा में पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया तो यह चौंकाने वाली बातें सामने आई है।
प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं का माखौल उड़ाने वाले नकल गिरोह के फरार आरोपी तुलछाराम कालेर के भतीजे पौरव कालेर ने पटवारी भर्ती परीक्षा में नकल के लिए हाइटेक तामझाम तैयार किया। समय रहते पुलिस ने कालेर की साजिश को नाकाम कर दिया। अन्यथा एक साथ तीन दर्जन अभ्यर्थियों को नकल कराने के लिए इलेक्ट्रोनिक्स डिवाइस तैयार रखी हुई थी। पौरव कालेर नकल कराने के मामले में अपने चाचा तुलसाराम से चार कदम आगे है।
एक महीने से पुलिस को तलाश
रीट नकल गिरोह के मुख्य सरगना तुलछाराम की पुलिस एक महीने से तलाश कर रही है। अब पुलिस उसके भतीजे पौरव की भी तलाश में जुट गई है। चाचा-भतीजे की धरपकड़ के लिए परिचितों, रिश्तेदारों के यहां दबिश दे रहे है।
सरकार से चार कदम आगे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर आइपीएस शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया ने बताया कि रीट परीक्षा में हाई तकनीक से नकल कराने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने ब्लयू ट्रूथ डिवाइस के उपयोग की आशंका थी। एेसे में पटवारी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की एचएमडीटी स्केनर मशीन से जांच की व्यवस्था की गई। शातिर गिरोह सरगना पौरव व सहयोगी राजाराम ने परीक्षा केन्द्र में डिवाइस लगाकर अभ्यर्थी को जांच मशीन से बचकर प्रवेश कराने के लिए तैयार कर ली। उन्होंने एचएमडीटी स्केनर मशीन खरीदी और अभ्यर्थी के डिवाइस व मक्खी लगाकर इससे जांच करते। डिवाइस को परीक्षार्थी के शरीर पर इस तरह लगाते कि एचएमडीटी मशीन की रेंज में नहीं आए।
पेपर की तैयारी के समय नकल का प्रशिक्षण
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ब्ल्यूटूथ डिवाइस को बेहतर तरीके से डिजाइन करवाई गई थी। वॉयस कॉलिंग डिवाइस, बैटरी, सिम शॉकिट आदि उसमें फीट किए गए। एक मक्खीनुमा ब्ल्यूटूथ अभ्यर्थी के कान के अंदर स्थापित की गई। ताकि परीक्षा केन्द्र में किसी को शक नहीं हो। आरोपी उम्मेदाराम ने बताया कि डिवाइस व मक्खी पौरव कालेर ने उपलब्ध कराई और एक दिन पहले सभी को डिवाइस के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया गया।
सात लाख में सौदा तय
एएसपी इंदौलिया ने बताया कि कालेर ने परीक्षार्थियों से नकल कराने के लिए सात लाख रुपए में सौदा तय किया। उनसे एडवांस के तौर पर चेक लेकर रख लिए। राजाराम के मोबाइल में छह अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र मिले हैं। इनमें एक श्रीगंगानगर, एक हनुमानगढ़ और चार बीकानेर जिले के हैं। गिरोह के संपर्क में रहे अभ्यर्थियों की सूची प्रदेशभर के थानों में भेजी गई है।
यह पुलिस टीम रही सक्रिय
आइपीएस एएसपी सिटी शैलेन्द्रसिंह इंदौलिया के नेतृत्व में सीओ सदर पवन कुमार भदौरिया, गंगाशहर सीआइ राणीदान उज्ज्वल, डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणिया, बीछवाल सीआइ मनोज शर्मा, एसआइ राकेश स्वामी, मनोज यादव, एएसआइ ओमप्रकाश, रामकरण, हवलदार कानदान सांदू, साइबर सेल के दीपक यादव, अब्दुल सत्तार, सिपाही सवाईसिंह, योगेन्द्र, दिलीपसिंह, लखविन्द्र सिंह, रामनिवास, राजाराम भांभू, किसनलाल, आशाराम, राकेश व पूनमचंद कार्रवाई के दौरान सक्रिय रहे।