बीकानेर,पत्रकारिता की भाषा में कहा जाता है कि एक फोटो हजार शब्दों से भी ज्यादा महत्व रखती है, उस पर भी कोई फोटो राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़ा हुआ हो और उसके साथ तुलनात्मक रूप में कोई दूसरा फोटो भी साथ दिख जाए तो फिर यह सीमा हजार शब्दों को पार करते हुए कई गहरे मायनों में भी बदल जाती है.सोशल मीडिया पर ऐसी ही तस्वीरों की चर्चा इन दिनों हो रही है. दरअसल यह फोटो है दो एसपी और जोधपुर से आने वाले दो नेताओं की इन दोनों तस्वीरों के जिन दो एसपी की बात हो रही है उनमें से एक एसपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट हैं, तो दूसरे एसपी बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया. वहीं जोधपुर से आने वाले दो नेताओं में शामिल नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का है.
दरअसल इन तस्वीरों के सोशल मीडिया पर चर्चा में आने का कारण तस्वीर की तात्कालिकता और राजनीति में उसकी व्याख्या को लेकर लग रहे कयास हैं. यह तस्वीर 13 अगस्त 2022 को ली गई है और ये तस्वीर जोधपुर में बीजेपी की तरफ से निकाली गई तिरंगा रैली की है, जिसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मोटरसाइकिल चला रहे हैं, तो केंद्रीय मंत्री और जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया के पीछे मोटरसाइकिल पर बैठे हैं.
इस तस्वीर की तुलना तकरीबन 4 साल पहले साल 2018 की सितंबर में करौली में ली गई एक तस्वीर से हो रही है. वह तस्वीर मोटरसाइकिल चलते सचिन पायलट और पीछे बैठे अशोक गहलोत की थी. 12 सितंबर 2018 को करौली में कांग्रेस की संकल्प रैली हुई थी. विधानसभा चुनाव से पहले हुई इस रैली को संबोधित करने कांग्रेस के नेता एक ही बस में जयपुर से एक साथ सवार होकर करौली जा रहे थे. सभा स्थल से तकरीबन 5 किलोमीटर पहले जाम में कांग्रेस नेताओं की बस फंस गई. इसी बीच तत्कालीन पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने पार्टी के एक कार्यकर्ता की मोटरसाइकिल ली और खुद हैंडल संभाल लिया.
पायलट में मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत को भी मोटरसाइकिल पर अपने साथ बिठा लिया और कांग्रेस पार्टी की तरफ से एकजुटता का मैसेज देने की कोशिश की गई. तस्वीर के बाद यह माना जा रहा था कि पायलट ड्राइविंग सीट पर हैं और पार्टी को भी वे ही दिशा दिखाएंगे. ड्राइविंग सीट का मतलब नेतृत्व से जोड़कर भी देखा जा रहा था, लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता में आई, तो मुख्यमंत्री की रेस में मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे दिखाई देने वाले अशोक गहलोत आगे निकल गए. अब जोधपुर से एसपी यानि सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत की एक साथ मोटरसाइकिल पर बैठी तस्वीर को लेकर भी इसी तरह की चर्चाएं हो रही है.
कार्यकर्ता और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग कह रहे हैं कि क्या सतीश पूनिया सचिन पायलट के मुकाबले कुछ अलग कर पाएंगे? या कहीं पूनिया के साथ भी वही तो नहीं होगा जो सचिन पायलट के साथ हुआ? चर्चा इस बात को लेकर है कि क्या पीछे बैठे जोधपुर के नेता इस बार भी बाजी मार ले जाएंगे? हालांकि बीजेपी में मुख्यमंत्री के दावेदार सिर्फ यही दो चेहरे नहीं हैं बल्कि अन्य नेता भी हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर तो सिर्फ कयास लग रहे हैं, लेकिन वास्तविकता सिर्फ और सिर्फ भविष्य के गर्भ में छिपी है.