बीकानेर, कृषि महाविद्यालय, बीकानेर के उद्यान विभाग द्वारा कावनी गांव की महिलाओं के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण (14-15 जनवरी) आयोजित किया गया जिसमें की आंवला व अदरक से बने स्कवैश तथा रेडी टू सर्व और सेव से जैम तैयार करके फलों के मूल्य संवर्द्धित उत्पादों का प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. आर. के. नारोलिया ने बताया कि स्क्वैश एक प्रकार का फल ज्यूस होता है जिसमे 25 % फल – ज्यूस होता है इसमें 40 – 45 % TSS होता है, इसको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए पोटेशियम मेटा सल्फेट को परिरक्षक के रूप मे प्रयोग करते हैं। बनाने की विधि – एक लीटर पानी में 1.75 kg शक्कर डालकर चासनी बनाते हैं तथा खटाई के लिए इसमें 20 gm (फल के अनुसार) सिट्रिक अम्ल डालते हैं उबली हुई चासनी को ठंडा करके एक लीटर पल्प (ज्यूस) मिला देते हैं और लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसमें पोटेशियम मेटा सल्फेट मिलाते हैं इस प्रकार स्क्वैश बनकर तैयार हो जाता है।
प्रमुख फल – आंवला, आम, किन्नो, अदरक, अनानास इत्यादि। महत्वपूर्ण – स्क्वैश में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है, बदले में, यह कैंसर की रोकथाम में मदद कर सकता है। स्क्वैश में पाए जाने वाले विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन मैकुलर डिजनरेशन की प्रगति को धीमा करने और संबंधित दृष्टि हानि की संभावना को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जैम – जैम एक उत्पाद होता है जो फलों को उबालकर पल्प बनाकर बनाया जाता है तथा इसमें 50- 100 मिलीलीटर पानी , 0.75 किला ग्राम शक्कर तथा सिट्रिक अम्ल 2 ग्राम मिलाते हैं। प्रमुख फल – सेव, पपीता, चीकू
बनाने की विधि – l किलो ग्राम जैम के लिए 1 से 1.5 किलो ग्राम सेव लेते हैं सर्वप्रथम फलों को अच्छी तरह साफ करके उनका छिलका उतारते हैं, छिलका उतारे गए फलों को छोटे छोटे भागों में काट लेते हैं और उनका पल्प बना देते। थोड़ी देर गर्म करने पर शक्कर मिला देते है फिर से लगातार उबालते है जब तक तैयार नही जो जाता है फिर फिर उसका सीट टैस्ट करते है तथा इसमें TSS 68.5 रखते हैं बनने के बाद रोगाणु रहित कांच की बोल्टल मैं भर देते हैं इस प्रकार जैम बनकर तैयार होता है