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बीकानेर,चूहों व विषैले जानवरों से परेशान पुलिस अब बिल्लियों को पाल रही है। आपको सुनकर हैरानी होगी लेकिन यह हकीकत है। पीबीएम अस्पताल पिछले साल तक पुलिस चौकी में चूहों का आतंक बना हुआ था। अब दो माह से पुलिस चौकी में दो बिल्लियों के आने से चूहों व विषैले जानवरों का झंझट मुक्त हो गया है। वहीं दूसरी ओर पिछले डेढ़ साल से छतरगढ़ थाना पुलिस एक कबूतर को पाल रही है। इस कबूतर को पालना पुलिस की मजबूर है।

एक किलो दूध व बिकिस्क
दोनों बिल्लियों के लिए पुलिस स्टाफ की ओर से आपसी सहयोग से दूध-बिस्किट की व्यवस्था की जा रही है। सुबह-शाम आधा-आधा किलो दूध एवं दो बिकिस्ट पैकेट की व्यवस्था कर रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों बिल्लियों की देखरेख का जिम्मा कांस्टेबल सुरेन्द्र कि जिम्मे हैं।

रानी और कैटरीना
पुलिस जवानों ने दोनों बिल्लियों को नाम भी अपने पसंदीदा दिए हैं। सफेद व काले धब्बों वाली बिल्ली को कैटरीना एवं भूरी व धारीदार बिल्ली को रानी नाम दिया गया है। बिल्लियां भी पुलिस जवानों से पूरी तरह घुम मिल गई है। वह दिनभर पुलिस चौकी में विचरण करती रहती है। वह कभी पुलिस अधिकारियों की टेबल पर तो कभी आगंतुकों की सीट पर बैठती हैं।

चूहे भागे, सांप-गोयरे नहीं आते
पुलिस चौकी के हैडकांस्टेबल लक्ष्मण नेहरा बताते हैं कि पहले पुलिस चौकी में चूहों की भरमार थी। पुलिस चौकी के आसपास का एरिया भी खाली है। झांड़-झंखाड़ होने से चूहें, सांप, बिच्छु व गोयरे भी बहुत हैं। सांप-बिच्छु का डर हमेशा सताता था। चूहे आए दिन फाइलों व जरूरी कागजातों को कुतर देते थे। अब पिछले दो महीने से चौकी से चूहे भाग गए हैं। सांप-बिच्छु व गोयरे भी नहीं आ रहे हैं।

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