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बीकानेर, किसानों को मृदा स्वास्थ्य, जैविक एवं संरक्षित खेती, फसल विविधिकरण, पशुपालन, कीट एवं व्याधि प्रबंधन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक करने तथा कृषि लागत मूल्य घटाने के साथ उत्पादन एवं आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य के साथ जिले में ‘माटी’ परियोजना की द्वितीय चरण के क्रियान्वयन की बैठक गुरुवार को आयोजित हुई। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद की पहल पर जिले के पंाचों ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों से पांच-पांच गांवों का चयन किया जा चुका है। इन गांवों में प्रत्येक चयनित किसान की कृषि आधारित गतिविधियों की विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी।
*इन गांवों का हुआ चयन*
उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कोलायत में बज्जू खालसा, गाढ़वाला, मण्डाल चारणान, सालासर, चक-चानी, लूणकरणसर मे मोखमपुरा, नकोदेसर, गोपलयाण, अर्जनसर स्टेशन, खोखराना, श्रीडूंगरगढ़ में बेनीसर, ठुकरियासर, झंझेऊ, धर्मास, दुसारणा, नोखा में मेयासर, उड़सर, झाडेली, धरनोक, देसलसर तथा खाजूवाला में छत्तरगढ़, बल्लर, कानासर, 17 केवाईडी, कावनी का चयन किया गया है।
*अब किसानों का करेंगे चिन्हीकरण*
चौधरी ने बताया कि बीकानेर के पाँच विधानसभा क्षेत्रों के 25 गांवों के 1250 किसानों का माटी परियोजना के लिए 10 जून तक चयन किया जाएगा। चयन के पश्चात 50-50 कृषकों को माटी परियोजना क्रियान्वयन के लिए कृषि एवं कृषि संबद्ध विभाग जैसे उद्यान, आत्मा, कृषि विपणन, सहकारिता एवं पशुपालन के साथ-साथ विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू बीकानेर व राजूवास बीकानेर ), केवीके, काजरी, सीआईएएच, सीएसडब्लूआरआई, एनआरसीसी, नाबार्ड, एटीसी, अनुसंधान केन्द्र के सहयोग से बेहतर खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
चौधरी ने बताया कि जिले में खरीफ सीजन के लिए प्राप्त मिनिकिट का वितरण भी राजकिसान साथी ऐप के माध्यम से किया जाना है। मिनिकिट वितरण मे लघु एवं सींमात किसान, महिला किसान व एससी-एसटी के किसानों को प्राथमिकता दी जानी है। बायोऐजेण्ट्स मिनिकिट का वितरण उन 1/3 गांवों में किया जाना है जिनमें पूर्व में वितरण नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि गौमूत्र एवं गोबर संवर्धन कार्यक्रम के तहत संभागीय आयुक्त के निर्देशानुसार प्रत्येक गांव से 2 प्रगतिशील पशुपालकों के चयन के लिए फील्ड स्टॉफ को निर्देशित किया गया। बैठक में कृषि अधिकारियांे के साथ चयनित गांवो के सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे।

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