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बीकानेर,श्री शिव किशन जमना देवी स्मृति सेवा संस्थान की और से श्री शिव किशन दाधीच (आयुर्वेदिक , आध्यात्मिक , समाजसेवा ) श्रीमती जमना देवी दाधीच ( सेवानिर्वत प्रधानाध्यापिका शिक्षा विद् लेखिका प्रखर समाजसेविका ) की स्मृति में गोगागेट स्थित दधिमती भवन में श्रन्दाजलि सभा हुई जिसमें चित्रकुट के स्वामी श्री तपेश्वरानन्द जी महाराज , गायत्री मंदिर के श्री जुगल किशोर ओझा पुजारी बाबा , पंडित श्री बंशीलाल शर्मा , श्री गिरधरलाल आचार्य , कथावाचक श्री लक्ष्मण पारीक , बाई के शर्मा योगी , शिक्षाविद् श्री श्रवण पालीवाल किशन लाल माली मगनलाल ओझा रामकिशन आसोपा शिवप्रसाद ओझा गोरी शंकर रतावा लीलाधर आसोपा पंडित सत्यनारायण तिवाड़ी जसोदा देवी मंजुलता आसोपा विमला आचार्य राधा देवी कुदाल सीता देवी सरोज मोनिका मुनमुन आदि सहित बड़ी संख्या में उपस्थित महिला पुरुषों ने चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दिव्य आत्मा को अपने श्रदा सुमन अर्पित किये

श्रदांजलि सभा में सत्संग के साथ प्रवचन करते हुवे स्वामी श्री तपेश्वरानन्द महाराज ने कहा जीव जन्म लेने के पश्चात अपने कर्मों से पहचाना जाता है सत्कर्म मनुष्य जीवन का धर्म है दोनों दिव्य आत्माओ का संपूर्ण जीवन मानवमात्र की सेवा एवं आध्यात्मिक कार्यों में रहा जो सभी के लिए प्रेरणा प्रद है
पंडित जुगल किशोर ओझा ने कहा कि श्री शिव किशन दाधीच एवम् श्रीमती जमना देवी दाधीच का संपूर्ण जीवन आध्यात्मिक सामाजिक शैक्षणिक विकास एवं महिला उत्थान हेतु समर्पित रहा हे पीड़ित जन की सहायता हेतु दोनों तत्पर रहे इनके यही संस्कार इनके पुत्रों में है जो सभी के लिए अनुकरणीय है गिरधरलाल आचार्य ने कहा कि श्री शिवकिशन जी दाधीच मर्दूभाषी मिलनसार संत प्रवति के थे जमना देवी दाधीच भी इन्ही गुणों से ओतप्रोत रही तथा आप महिलाओं की बुलंद आवाज़ रही सेकडों घरों को टूटने से बचाया तथा महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई में सदैव साथ रही महिलाओं के रोज़गार हेतु सिलाई बुनाई कढ़ाई आदि के शिविर लगाते रहे आप दाधीच महिला समिति की संस्थापिका रही
पंडित वंशीधर शर्मा ने कहा श्री शिव किशन जी अपने मिलनसार एवम् हंसमुख व्यवहार से सबके प्रिय थे तथा बहड जी के नाम से प्रसिद्ध थे जमना देवी दाधीच ने ग़रीब बच्चों को घर से स्कूल तक लाने एवम् उनके शैक्षणिक विकास हेतु महत्त्वपूर्ण कार्यःकरते हुवे सामाजिक आध्यात्मिक सेवा का अनुकरणीय कार्य जीवन पर्यंत किया आपने जमना मैडम के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की
कथावाचक श्री लक्ष्मण पारीक ने कहा कि दोनों का दिव्य जीवन होने पर भागवत कथा महायज्ञ के रूप में प्रभु कृपा बरसी बाई के शर्मा योगी ने कहा कि जमना देवी दाधीच का शिक्षा जगत के साथ साथ सामाजिक एवम् महिला उत्थान व सहयोग का योगदान चिरस्मरणीय है आपने महिला उत्पीड़न के ख़िलाफ़ पुलिस , प्रशासन तक की लड़ाई में पूरा साथ निभाते हुवें सहयोग किया

श्री हरिकिशन व्यास किशन लाल माली मगन लाल ओझा गोरी शंकर रतावा रामकिशन आसोपा पंडित सत्यनारायण तिवाड़ी गिरिराज रतन तिवाड़ी आशा मिलवानी विमला आचार्य मंजुलता आसोपा संपत दायमा सावित्री दाधीच ममता दाधीच आदि ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुवे सभी को दोनों के जीवन आदर्शों को साक्षात करने का आह्वान किया

श्री शिव किशन दाधीच व श्रीमती जमना देवी दाधीच का जीवन परिचय लीलाधर आसोपा ने दिया

काव्य श्रन्दाजलि
काव्य श्रन्दाजलि में कवि बाबूलाल छँगानी शिव दाधीच कपिला पालीवाल जुगल किशोर पुरोहित हरिकिशन व्यास लीलाधर सोनी कैलाश टाक विप्लव व्यास आदि ने मात – पिता से संबंधित रचनाओं से काव्यांजलि प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया

संगीत के माध्यम से भजन व मात – पिता के गीत श्री लक्ष्मण सोनी श्री राधेश्याम ओझा वीणा ओझा गोपिका सोनी सुनील साही योगेश सोनी आदि ने अपनी श्रृंदांजलि पेश की
श्रन्दाजली सभा में सभी का आभार शिव दाधीच व योगेन्द्र दाधीच ने व्यक्त किया

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