बीकानेर, राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ गीतकार जनकवि कल्याण सिंह राजावत का बुधवार को जयपुर में स्वर्गवास हो गया। वे 83 वर्ष के थे। राजावत को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर की ओर से वर्ष 1990-91 का सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार प्राप्त हुआ था। राजावत ने राजस्थानी भाषा-साहित्य के उन्नयन के लिए अविस्मरणीय कार्य किया। राजावत की परभाती, मिमझर, कुण-कुण नै बिलमासी, रमतिया मत तोड़, ल्यो सारो आकाश सम्हाळो सहित अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे साहित्यिक संस्था मित्र परिषद के संस्थापक-अध्यक्ष सहित प्रदेश की अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे। देशभर में कवि सम्मेलनों के प्रमुख स्वर रहे राजावत की राजस्थानी कविता बागां बिच बेलड़ी की काव्य मंचों पर बहुत धूम रही।
राजावत के निधन पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी, राजस्थान संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष सरोज कोचर, राजस्थान संस्कृत अकादमी के निदेशक संजय झाला, राजस्थानी भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष भरत ओला, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जोशी, सचिव शरद केवलिया सहित अनेक साहित्यकारों, अकादमी कार्मिकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
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