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बीकानेर,श्रीडूंगरगढ़,महान स्वतन्त्रता सेनानी एवं किसान मशीहा कुम्भाराम आर्य की 29 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर वीर तेजा मन्दिर श्रीडूंगरगढ़ में 26 अक्टूबर शनिवार को श्रृद्धाजंली सभा रखी गई । जिसमें दो मिनट का मौन रखकर पुष्पांजलि अर्पित कर आर्य को श्रृद्धाजंली दी गई । सभा को सम्बोधित करते हुए सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवाराम गोदारा ने कहा कि किसान मसीहा कुम्भाराम आर्य ने जो नारा दिया था कि जमीन किंकी भाव जिंकी । इन्ही विचारों पर दृढ़ रहकर आर्य ने आमजन को भूमि अधिकार दिलाया था । साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि आर्य ने किसानों, मजदूरों एवं गरीबो के हकों हेतु लम्बी लड़ाई लड़ी, उन्होंने सामाजिक कुरीतियों एवं नशा वृति से समाज को बचाने हेतु प्रयास किए । एडवोकेट श्याम सुन्दर आर्य ने कहा कि कुम्भाराम आर्य समाज एवं राष्ट्र के बहुत बड़े व्यक्तित्व थे, उन्होंने लोककल्याण की भावना से समाज एवं राष्ट्रहित में बड़ा योगदान दिया । ऐसा महान व्यक्तित्व हम सब के लिए अनुकरणीय है । सेवानिवृत्त तहसीलदार चन्द्राराम आर्य, आशीष जाड़ीवाल, सुशील सेरडिया ने आर्य के जीवन प्रसंगों पर प्रकाश डाला । श्रंद्धाजलि सभा मे पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया, मोडाराम तरड़, हड़मानाराम भाम्भू, मालाराम सिवल, श्रवणराम जाखड़, तुलछीराम गोदारा, लक्ष्मणराम खिलेरी, प्रभुराम बाना, चाँदराम चाहर, हेतराम जाखड़, राजेन्द्र स्वामी, हरिप्रसाद सिखवाल, के के जांगिड़, कानाराम तरड़, ओमप्रकाश भादू, डालूराम सींवर, गणेश पोटलिया, धर्माराम कुकणा, रामचंद्र गोदारा, हनुमान सिंह मोटसरा, भिखराज जाखड़, धर्मपाल बांगड़वा, तोलाराम सिहाग, हरिराम सारण, डालूराम कस्वां, भंवरलाल खिलेरी, पिथाराम सारण, गोपाल खिलेरी, ईश्वरराम भूकर, प्रभुराम जाखड़, नरेन्द्र कुमार आर्य, कुशलाराम गोदारा, खींयाराम गोदारा, जैसाराम कुलड़िया, गोपाल गोदारा, मुन्नीराम बाना, निमाराम लुखा, भंवरलाल बाना, रामचंद्र गिला, शंकरलाल जाखड़, रामकिशन गावड़िया, हरिराम पुनियाँ सहित युवाओं ने भी आर्य को श्रंद्धाजलि अर्पित की । कार्यक्रम का संयोजन सुशील सेरडिया ने किया । छात्रावास अधीक्षक श्रवण कुमार भाम्भू ने सभी का आभार प्रकट किया ।

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