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बीकानेर, राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर सोमवार को वन और वन्यजीवों की रक्षा करते हुए शहीद हुए वन्य कर्मियों को याद किया गया।
उप वन संरक्षक डॉ. एस सरथ बाबू ने बताया कि वनकर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद वनकर्मियों को श्रदांजलि दी गई।वनकर्मियों द्वारा वन तथा वन्यजीवों की रक्षा करने की शपथ ली गई। उन्होंने बताया कि 11 सितम्बर 1730 को जोधपुर के खेजडली में खेजड़ी के वृक्षों की रक्षा करते हुए मां अमृता देवी की अगुवाई में 363 लोगों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। जिनमें मां अमृता देवी के बलिदान को देखकर उनकी तीन पुत्रियों ने भी बलिदान दिया था। इन्हीं की प्रेरणा से वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करते हुए शहीद वनकर्मियों की याद में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस मनाते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में कुल 22 वनकर्मी वनों एवं वन्यजीवों की रक्षा करते हुए शहीद हुए हैं।

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