बीकानेर,नगर के कला,सांस्कृतिक एवं साहित्यिक जगत द्वारा नगर की ख्यातनाम वरिष्ठ उद्घोषिका व संस्कृतिकर्मी सरोज भटनागर की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन आज सांय महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम श्री जुबिली नागरी भण्डार में रखा गया।
इस अवसर पर उपस्थित समस्त संस्कृतिकर्मियों ने स्वर्गीय सरोज भटनागर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।
स्वर्गीय सरोज भटनागर को श्रद्धांजलि स्वरुप डॉ.प्रभा भार्गव ने कहा कि वो बहुआयामी प्रतिभा संपन्न उद्घोषिका थी। उनके निधन से कला जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है।
वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि वे एक आदर्श शिक्षिका एवं संस्कारों का पोषण करने वाली प्रतिमूर्ति थी।
कवि आलोचक डॉ. उमाकांत गुप्त ने कहा कि उनका जीवन अनुशासन की एक बेहतरीन मिसाल था। उनके जाने से सांस्कृतिक जगत को जो क्षति हुई है।
पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि वे उच्च आदर्शों का पालन करने वाली एवं अनुशासन को महत्व देने वाली थी।
श्रीमती सविता अग्रवाल ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए अनेक संस्मरण साझा किए
बृज गोपाल पाण्डिया,प्रतिमा तिवारी,राम सहाय हर्ष एवं कमल किशोर पारीक ने कहा कि उन्होंने एक पूरी पीढ़ी को तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था।
आत्माराम भाटी और महेश उपाध्याय ने जी उन्हें शाब्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा में युवा गायक गौरी शंकर सोनी ने अपने मधुर कांटो से भजन की शानदार प्रस्तुति देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
में नगर के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक व विभिन्न क्षेत्रों के अनेक गणमान्यजन शामिल हुए। जिसमें उनके भाई नंदकिशोर सोलंकी, डॉ.कनिका सोलंकी, निकेता सोलंकी, इंजीनियर निलय सोलंकी, डॉ सुरेंद्र भटनागर,स्वर्णालता भटनागर,स्नेह भटनागर,पीयूष भटनागर,शांतिलाल सुराणा, रमेश सुराणा, ख़ुशाल वर्मा बाबू, अनिल तिवारी, बुनियाद हुसैन ‘ज़हीन’, पंकज भटनागर, दीपेश भटनागर, डॉ. विपिन आनंद, पूर्व उपमहापौर राजेंद्र पंवार, नरेंद्र सोलंकी,तिलोक गहलोत, जुगल किशोर कल्ला,शाइर कथाकार क़ासिम बीकानेरी, विजय,नवीन, दीपेश, पूजा, आर्यन, डॉ. गरिमा, नितिन,सपना, कर्नल नेहा, ज़ाकिर अदीब, दीपचंद सांखला,ओ.पी. सिंह, एस.के. शीलू, कुलदीप सिंह गहलोत, प्रभु सांखला, प्रताप सिंह गहलोत, एडवोकेट प्रदीप चौहान,मास्टर बद्री प्रसाद, पी.डी. खड़गावत, राजेश गहलोत, अविनाश व्यास,ओ.पी. सिंह,गंगाविशन बिश्नोई, नेमचंद गहलोत, छगन सिंह, गोपाल गौतम, सुशील शर्मा, मास्टर ज़ाकिर क़ादरी,अली अकबर,घनश्याम सिंह, मोहम्मद फारूक चौहान, गिरिराज पारीक एवं बुलाकी देवड़ा आदि ने उन्हें अपनी आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित करते उन्हें समर्पित संस्कृति एवं साहित्यानुरागी बताया।
श्रद्धांजलि सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय सरोज भटनागर को श्रद्धांजलि प्रस्तुत की गई।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन साहित्यकार संजय पुरोहित व वास्तुविद आर.के. सुतार ने संयुक्त रूप से किया।