
बीकानेर,विश्व आदिवासी दिवस पर भाटों का मोहल्ला लूणकरणसर में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल सदस्य पीएलवी पुष्पेंद्र चौधरी एवं श्रेयांस बैद ने कहा कि नालसा (आदिवासी अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन) योजना, 2015, एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989,अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 देश में लागू है जिससे इनके अधिकारों को बल मिलता है उपस्थित लोगों को राजस्थान राज्य विधिक सेवा के निर्देशानुसार जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि विश्व भर में फैली वन वन संपदाओं का बहुमूल्य ज्ञान इनके पास सुरक्षित है आज भी ये अपने पारंपरिक मूल्यों का निर्वहन करते हैं भारत के सबसे बड़े संवैधानिक राष्ट्रपति पद पर आदिवासी का होना आदिवासियों के प्रति अनुराग एवं समर्पण को दर्शाता है जो इस बात का प्रतीक है कि आदिवासी प्रकृति के पोषक हैं ।