बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में “पशु पोषण एवं पशु स्वास्थ्य में आधुनिक प्रचलन” विषय पर बुधवार से ऑनलाइन मोड पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशुपालन संबंधित नई तकनीकों एवं नवाचारों को प्रसार कार्यकर्त्ताओं एवं फील्ड पशुचिकित्सकों के माध्यम से पशुपालकों तक पहुचाने हेतु नये आयाम मिलेंगे। पशुपालन में 70 प्रतिशत लागत पशु पोषण में आती हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से कम लागत में उन्नत एवं संतुलित पशु पोषण हेतु जानकारी उपलब्ध होगी। कुलपति प्रो. गर्ग ने बताया कि मानव स्वास्थ्य एवं पशु स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक है। पशु खाद्य यदि ड्रग अवशेष, एफ्लाटोक्सिन, कीटनाशक मुक्त होगो तो पशु उत्पाद भी शुद्ध होगो, जो कि पशुपालकों को गुणवत्ता युक्त पशु उत्पादों की अच्छी आय के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य में भी सहायक होंगे। राजस्थान प्रदेश का वातावरण सर्दियों एवं गर्मियों में प्रतिकुल रहता है जो कि पशु स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है लेकिन यहां की देशी पशु नस्ले अच्छे जनेटिक गुणो के कारण इस प्रतिकुल परिस्थितियों को सह सकती है अतः हमें देशी नस्लों के अनुवाशिंक गुणवत्ता को ध्यान में रखते है अच्छे खाद्य एवं स्वास्थ्य प्रबन्धन से इनके उत्पादन को बढ़ाना चाहिए। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त आई.सी.ए.आर. इंस्टीट्यूट एवं विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ पशु स्वास्थ्य एवं पशु पोषण के विभिन्न विषयों पर पशुचिकित्सकों, प्रसार कार्यकर्त्ताओं वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को व्याख्यान प्रदान करेंगे। जिनमें पशुओं में कम दुग्ध वसा का कारण एवं निवारण, अधिक दुधारू पशुओं हेतु खाद्य तकनीको की ग्रहिता, भारत में पशुखाद्य की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की आवश्यकता प्रसार शिक्षा नवाचार में मैनेज के प्रयास, पशु उत्पादकता को बढ़ाना, भेड-बकरी एवं पोल्ट्री में पोषण आदि विषय शामिल है। राष्ट्रीय संस्थान मैनेज हैदराबाद के उप-निदेशक डॉ. साहजी फंड ने बताया कि नई तकनीकों, प्रसार विधियों की जानकारी प्रदान करने हेतु इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम देश के अन्य विश्वविद्यालय एवं आई.सी.ए.आर. केन्द्रों पर भी चलाए जा रहे है ताकि देश भर के पशुपालकों को पशुपोषण, स्वास्थ्य, विपणन आदि में नई दशा एवं दिशाओं की जानकारी प्राप्त हो सकें। डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. जागृति श्रीवास्तव एवं डॉ. सुश्रीरेखा दास इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सह-निर्देशिका है। उद्घाटन सत्र में प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. आर.के. नागदा, प्रो. शीला चौधरी, प्रो. हेमन्त दाधीच, प्रो. बसन्त बेस, प्रो. उर्मिला पान, प्रो. बी.एन. श्रृंगी, प्रो. प्रवीण बिश्नोई, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
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