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बीकानेर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहे नवनियुक्त ग्राम विकास अधिकारियों का प्रशिक्षण मंगलवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक और जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल मौजूद रहे। उन्होंने नवनियुक्त ग्राम विकास अधिकारियों को कर्त्तव्य परायण, जवाबदेही, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के संकल्प के साथ साथ गांव के हर व्यक्ति की अंतिम छोर तक योजना का लाभ पहुंचे। इसके लिए उन्हें अपनी पंचायत में ही रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत की एक महत्वपूर्ण और मजबूत इकाई है। जिसे अपने जनप्रतिनिधि और ग्राम वासियों के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से कार्य करना होगा। तभी गांव का विकास संभव होगा।
जिला परिषद की सीईओ नित्या के. द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों को बताया गया कि वह बड़ी कर्मठता और बिना किसी भय के नियमों के अनुसार पंचायत में हर ग्रामवासी का काम करें। उन्हें कहा जिला परिषद और पंचायत का सहयोग सदैव मिलता रहेगा। वहीं प्रशिक्षण के अंतिम दिवस महात्मा गांधी नरेगा योजना के अधिशासी अभियंता ( ईजीएस) राम निवास शर्मा ने भी ग्राम विकास अधिकारियों को मनरेगा योजना के लिए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। प्रशिक्षण प्रभारी धीर सिंह गोदारा अधिशासी अभियंता द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया।
प्रशिक्षक चतर सिंह ने अधिकारियों को प्रशिक्षण की 15 दिवसीय गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 15 दिवसीय प्रशिक्षण में 12 दिवसीय सैद्धांतिक प्रशिक्षण रहा तथा तीन दिवसीय प्रयोगी प्रशिक्षण रहा।
जहां सैद्धांतिक प्रशिक्षण में योजना के प्रभारी अधिकारियों द्वारा अपनी अपनी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। प्रायोगिक प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को ग्राम पंचायत में ले जाकर उन्हें रिकॉर्ड संधारण ग्राम विकास अधिकारियों के उत्तरदायित्व के बारे में बताया गया। उन्हें सरकार के विभिन्न पोर्टल की जानकारी भी एमआईएस द्वारा दी गई। संचालन सहायक विकास अधिकारी गिरिराज शर्मा द्वारा किया गया |

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