
बीकानेर,वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर के एपेक्स सेंटर द्वारा “पशुओं व मुर्गियों में रोग निदान की नवीनतम तकनीकों” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि पशुचिकित्सकों को विभिन्न संक्रामक बीमारियों के रोग निदान का पूर्ण ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। पशुओं में संक्रामक रोग बहुत तेजी से फैलते है। समय पर रोग निदान या डायग्नोसिस हो जाये तो उपयुक्त ईलाज द्वारा संक्रमण को नियंत्रण कर सकते है। उद्घाटन सत्र में कुलपति ने क्षेत्रीय निदान विधियों के महत्व और पशुचिकित्सा में फीडबैक सिस्टम के उपयोगिता पर भी विचार रखे। उन्होंने प्राचीन पशुचिकित्सा साहित्य जैसे “शालिहोत्र संहिता” और स्थानीय ज्ञान की उपयोगिता पर भी चर्चा की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशुचिकित्सकों को पोस्टमार्टम के आधार पर पशुओं में रोग-निदान के विभिन्न तरीकों को समझने का मौका मिलेगा जो कि रोग नियंत्रण में सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त निदेशक डॉ. गीता बेनीवाल ने कहा कि पशुचिकित्सकों को प्रशिक्षण के माध्यम से रोग ग्रस्त पशुुओं के रक्त, पेशाब, गोबर आदि नमूने प्रयोगशालाओं में परीक्षण हेतु भेजने के तरीकों को समझने का मौका मिलेगा, ताकि रोगग्रस्त पशुओं को उचित ईलाज मिल सके। प्रशिक्षण समन्वयक एवं प्रभारी अधिकारी एपेक्स सेन्टर डॉ. राजेश सिंगाठिया ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि इस तीन दिवसिय प्रशिक्षण में बीकानेर, चूरू, श्रीगगांनगर एवं हनुमानगढ़ जिले में कार्यरत 25 पशुचिकित्सक प्रशिक्षण ले रहे है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में निदेशक क्लिनिक प्रो. प्रवीण बिश्नोई, अधिष्ठाता सी.डी.एस.टी. प्रो. राहुल सिंह पाल, डॉ. सीताराम, डॉ. रामकुमार एवं स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. बसन्त ने किया।