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बीकानेर,बीकानेर के ट्रैफिक थाने में भी ऐसा ही खुशी और सुकून भरा दृश्य देखने को मिला जब हैड कांस्टेबल यशवीर बुगालिया ने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सपने टूटने के डर से रो रही युवती के चेहरे पर खुशी की लकीरें खींच दी।

दरअसल, सरदारशहर हाल बीकानेर निवासी पूनम भांभू पुत्री स्व हरिराम भांभू आज इंजीनियरिंग कॉलेज में एग्जाम देने गई थी। लौटते वक्त उसका बैग ऑटो में ही रह गया। बैग में सपनों को अंतिम रूप से साकार करने वाला ज्वाइनिंग लेटर व सभी मुख्य कक्षाओं की मार्कशीटें थीं। अन्य जरूरी कागजात भी थे। पूनम के अनुसार वह 5 नवंबर को पीडब्ल्यूडी में बतौर जेईएन ज्वाइन करने वाली है। ज्वाइनिंग लेटर के बिना मुश्किलें खड़ी हो जाती।

बैग खोने‌ पर वह सदर थाने गई। जहां बैग एक ऑटो में छूट जाने की रिपोर्ट दी। सदर पुलिस ने कंट्रोल रूम जाकर फुटेज चेक करने को कहा। साथ में एक कांस्टेबल भेजा। बाद में कांस्टेबल यह कहकर चला गया कि नंबर थाने लेकर जाना, पुलिस प्रयास करेगी।

यहां पूनम जब कंट्रोल रूम की सीढ़ियां चढ़ रही थी तो उसे रोता हुआ देख यशवीर ने कारण पूछा। बात पता चलने पर वह भी कंट्रोल रूम में साथ गया। गंगानगर चौराहे के फुटेज में ऑटो के आधे अधुरे नंबर मिले। यशवीर के अनुसार उसके ऑटो वालों से अच्छे लिंक है। इसलिए उसने पहले तो 20-25 ऑटो वालों को डिटेल्स भेजते हुए 0771 नंबर के ऑटो का पता लगाने का निवेदन किया। आधे घंटे तक जब रिप्लाई नहीं आया तो आधे अधुरे नंबर को मोबाइल ऐप में चेक किया गया। यशवीर के अनुसार मोबाइल ऐप में करीम नाम आया, मोबाइल नंबर भी मिले। करीम को फोन किया तो उसने बताया उसने लास्ट डिजिट से ऑटो के पूरे नंबर बता दिए। कहा कि यह ऑटो उसी ने फाइनेंस किया है। करीम ने 10मिनट में ऑटो मालिक के नंबर भी भेज दिए। ऑटो मालिक ने कहा कि यह ऑटो उसके भाई का है, जिसे ड्राईवर चलाता है। उसने भाई के नंबर दिए। भाई ने कुछ ही देर में ड्राईवर को बैग के साथ ट्रैफिक थाने भेज दिया।

ट्रैफिक इंचार्ज रमेश सर्वटा के अनुसार यशवीर की मदद से पूनम को उसका बैग मिल गया है। पूनम ने बैग मिलने की पुष्टि की है। पूनम बज्जू के पूर्व सरपंच स्वर्गीय हरिराम भांभू की पुत्री है।

पूनम ने यशवीर सहित समस्त ट्रैफिक पुलिस का आभार जताया है। कहा कि हर लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन इसी तरह करना चाहिए, इससे सच्ची खुशी मिलती है। पूनम ने आज की घटना से सीख लेते हुए कहा कि वह भी जेईएन के पद पर कार्य करते हुए इसी तरह लोगों की मदद करेंगी।

उल्लेखनीय है कि हैड कांस्टेबल यशवीर बुगालिया के डॉक्यूमेंट भी इसी तरह खोए थे जो आज तक नहीं मिले। उन्हें सभी डॉक्यूमेंट की कॉपी निकलवानी पड़ी। इसलिए डॉक्यूमेंट खोने का दर्द उन्होंने महसूस किया और विशेष रूचि से पूनम की मदद की।

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