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बीकानेर.निजी बसों ने शहर में जगह-जगह अवैध बस अड्डे बना लिए हैं। निजी बस संचालकों के गुर्गे रोडवेज की बस आते ही जोर-जोर से सवारियों को आवाज लगाकर निजी बसों में बैठने के लिए कहते और सवारियों को रोडवेज बस में बैठने से टोकते हैं। रोडवेज प्रबंधन न अपने कार्मिकों की सुन रहा और न ही परिवहन विभाग को सख्ती से कार्रवाई करने के लिए लिख रहा। यातायात पुलिस भी मूकदर्शक बनी हुई है। इतना ही नहीं, निजी बस संचालक रोडवेज की बसों से ज्यादा किराया वसूली कर आम आदमी की जेब काट रहे हैं और जाम में अवाम फंस रही है, सो-अलग।
राजस्व कम, फिर भी परवाह नहीं

रोडवेज बस के एक कंडक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रोडवेज बसों को श्रीगंगानगर सर्किल, म्युजियम सर्किल, पूगल फांटा व अन्य स्थानों पर बसों को सवारियां उतारने व चढ़ाने में परेशानी होती है। बस को सड़क पर खड़ा नहीं रहने देते। सवारियां लेने पर गेट के आगे खड़े हो जाते हैं। रोडवेज बसों का किराया कम होने के बावजूद सवारियां रोडवेज में बैठ नहीं पाती। इससे सीधी तौर पर राजस्व का नुकसान हो रहा है। अफसरों को बताया, पर कोई कार्रवाई करने को लेकर गंभीर ही नहीं दिखता।
रोडवेज व निजी बसों की टाइमिंग साथ-साथ

रोडवेज बसों और निजी बसों के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, श्रीडूंगरगढ़, नोखा, जोधपुर, जैसलमेर, खाजूवाला, पूगल, लूणकरनसर से खोड़ाला, कालू, पांचू सहित अन्य रूटों पर जाने वाली रोडवेज बसों के साथ-साथ ही परिवहन विभाग ने निजी बस संचालकों को भी थोड़े ही मिनट के अंतराल में आगे-पीछे टाइमिंग दे रखी है। इस कारण निजी बसें रोडवेज के एक आगे और एक पीछे चलती हैं। इतना ही नहीं, रास्ते में सवारियां निजी बसें ले लेती हैं। रोडवेज बसों की हालत यह है कि सरकार की रक्षाबंधन, भाई दूज, प्रतियोगी परीक्षाओं के समय ही बसों में सवारियों का भार रहता है। शेष दिनों बसें अपना खर्च ही निकाल पाती है।

सीन एक
स्थान श्रीगंगानगर सर्किल। समय 11 बजकर 47 मिनट। बीकानेर से जयपुर रोडवेज की बस पहुंची। इसके साथ ही एक अन्य निजी बस पहुंची। निजी बस के पहुंचते ही गुर्गे एक्टिव हो गए। सवारियों को निजी बस में बैठाने लगे। तभी एक अन्य रोडवेज की बस 12 बज कर पांच मिनट पर आई। सवारियों को लेकर रोडवेज परिचालक व निजी बस के गुर्गों से बहस हो गई।

सीन दो

स्थान पूगल फांटा। समय 12 बज कर 47 मिनट। बीकानेर से रामदेवरा जाने वाली रोडवेज आगार की विशेष बस पहुंची। यहां पहले से एक निजी बस लगी थी। निजी बस का गुर्गा सवारियों को रामदेवरा के लिए आवाज लगा रहा था। तभी ऑटो में तीन सवारियां आईं, जिन्हें रामदेवरा जाना था। गुर्गे ने उन्हें रोडवेज बस में चढ़ने से टोका और जबरन निजी में बैठाया।

यह है किराया सूची
स्थान – रोडवेज – निजी

बीकानेर से लूणकरनसर – 60/80- 100
बीकानेर से नोखा – 55/70 – 70-80

बीकानेर से हनुमानगढ़ – 180/245 – 270/300
बीकनेर से जयपुर – 250/350 – 450/550

बीकानेर से श्रीगंगानगर – 190/225 – 300/350
बीकानेर से खाजूवाला – 80/115 – 120

बीकानेर से श्रीडूंगरगढ़ – 60/80 – 90
बीकानेर से फलौदी – 130/180 – 200/250

बीकानेर से जोधपुर- 180/260 – 300/350

इनका कहना है…
निजी-रोडवेज बसों में सवारियों को लेकर तनातनी रहती है। कई बार चालक-परिचालक शिकायत करते हैं, तो इस संबंध में कार्रवाई करते हैं। अब बसों की टाइमिंग को लेकर परिवहन विभाग व जिला प्रशासन के साथ मीटिंग कर समाधान की कोशिश करेंगे, ताकि रोडवेज को भी यात्री भार मिलता रहे। रोडवेज का निजी बसों से किराया कम है, लेकिन निजी बस चालकों की टाइमिंग साथ होने से सवारियां नहीं मिल पातीं।
नेमीचंद प्रजापत, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक बीकानेर आगार

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