बीकानेर,जुबिली नागरी भण्डार ट्रस्ट कला एवं साहित्य को प्रोत्साहन देने में सदैव अग्रणी रहा है, इसके साथ ही संस्था अपने बौद्धिक वैभव के कारण प्रदेश ही नहीं देश में अपना एक अलग स्थान रखती है ऐसी ऐतिहासिक संस्था में चित्र प्रदर्शनी द्वारा नगर के युवा एवं वरिष्ठ चित्रकारों के चित्र देख कर मन प्रफुल्लित हो गया। प्रदर्शित चित्रों में जीवन के कई रंग युवा चित्रकारों ने शानदार ढंग से उकेरे हैं। इन कलाकारों की प्रदर्शनी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की जानी चाहिए’ ये विचार प्रस्तुत किए प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अनिल पंड्या ने। वे नागरी भण्डार के 118वें स्थापना दिवस एवं वसंतोत्सव पर श्री जुबिली नागरी भण्डार ट्रस्ट एवं भोज कला प्रन्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चित्रकारों की चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए बतौर अतिथि अपने विचार पेश कर रहे थे। वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने अपने विचार पेश करते हुए कहा की नागरी भण्डार विभिन्न कला क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रतिभाओं को हमेशा प्रोत्साहन देने की समृद्ध परंपरा का निर्वहन करती रही है।
श्री जुबिली नागरी भण्डार ट्रस्ट के अध्यक्ष वरिष्ठ शिक्षाविद विद्यासागर आचार्य एवं मंत्री गिरिजा शंकर शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि आज सुबह प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अनिल पंड्या द्वारा फीता काटकर चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करके तीन दिवसीय समारोह का आग़ाज़ किया। चित्र प्रदर्शनी में चार दर्जन से अधिक युवा चित्रकारों द्वारा बनाए गए बेहतरीन चित्र प्रदर्शित किए गए हैं।
चित्र प्रदर्शनी एवं भोज कला प्रन्यास के संयोजक मनोज सोलंकी भोज एवं प्रेस प्रभारी क़ासिम बीकानेरी ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रदर्शनी में रामपुरिया कॉलेज के फाइन आर्ट्स फैकल्टी के 50 युवा एवं वरिष्ठ कलाकारों के साथ बाल कलाकारों की भी सभी विधाओं की 75 से अधिक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई है। चित्र प्रदर्शनी में बीकानेर की परंपरागत मथेरणकला, उस्ता कला,यथार्थ चित्र-दृश्य चित्र व्यक्ति चित्र,संयोजन, समसामयिक(आधुनिक कला)-मनोभावों मनोभावों,कला दर्शन प्रति संस्थापन(इंस्टॉलेशन आर्ट)आदि कलाकृतियां प्रदर्शित की गई है, जो बीकानेर की समकालीन कला की दृष्टि से अति रचनात्मक एवं अकादमिक भी है।
चित्र प्रदर्शनी में डॉ. मोना सरदार डूडी,युवा चित्रकार पार्थ आचार्य,योगेंद्र कुमार पुरोहित,विनीता स्वामी,आरती स्वामी,यशवर्धन व्यास, निकिता सारण, मेघा गहलोत,हितिशा मूलचंदानी,अयान अब्बासी,विशाल आर्टिस्ट, युक्ता, अमिष्ठा गोदारा ,मुस्कान करनाणी, आरुषि धानेक,सोनाली सुथार,निखिल कंडारा,कुमकुम पंडित,उमाशंकर, युवराज,सुधीरचंद सोनी,हितेश स्वामी,देव साध, कमल किशोर जोशी, मुकेश जोशी सांचिहर,मनीष सोलंकी, अनूप कुमार तिवारी, रामकुमार भादाणी,कृष्ण प्रिया गोस्वामी,वंश पाराशर,भावना,माधव, संजय आचार्य,सूर्य प्रकाश स्वामी,श्रवण नाथ,नेहा छींपा,केशव जोशी,दिशा अग्रवाल द्वारा बनाए गए चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। इनके अलावा 8 वर्षीय बाल चित्रकार गरिमा भट्टड़,9 वर्ष के कलाकार हितेश स्वामी, एवं उस्ता कला के छात्र सैफ़ अली उस्ता के उस्ता आर्ट की पेंटिंग के कलात्मक चित्र भी प्रदर्शित किये गए। चित्र प्रदर्शनी के अवसर पर पहले दिन अनेक कलाधर्मियों के अलावा सैकड़ों कला रसिकों ने चित्रों का अवलोकन किया और बेहतरीन चित्रों के लिए युवा चित्रकारों की भरपूर सराहना की। चित्र प्रदर्शनी आगामी तीन दिन(2 फरवरी को शाम 6:00 बजे ) तक जारी रहेगी।
प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर भोज कला प्रन्यास के संरक्षक पृथ्वीराज सोलंकी, चित्र प्रदर्शनी के संयोजक मनोज सोलंकी भोज, नागरी भंडार के व्यवस्थापक नंदकिशोर सोलंकी, वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा, शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी,शाइर बुनियाद ज़हीन, नेशनल कलाकार मूलचंद महात्मा,कवि एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी, नेशनल आर्टिस्ट शौक़त उस्ता, अज़ीज़ भुट्टा,चंद्र प्रकाश महात्मा, मधुरिमा सिंह,चित्रकार एस. कुमार हटीला,दामोदर तंवर, संस्कृतिकर्मी अब्दुल शकूर सिसोदिया, कवि गंगाविशन बिश्नोई ‘ब्रह्मा’ वरिष्ठ चित्रकार मोहम्मद शरीफ कलाश्री, मुज़फ़्फ़र मुग़ल, उमाकांत ज़ख़्मी, शेख़ लियाक़त अली,गोपाल गौतम,एस. के.नाथ,छगन सिंह आदि मौजूद थे। जिन्होंने चित्रों का अवलोकन करके चित्र प्रदर्शनी की भूरी भूरी प्रशंसा की। समारोह का संचालन कवि कथाकार क़ासिम बीकानेरी ने किया जबकि मनोज सोलंकी भोज ने आभार ज्ञापित किया।
आज 1 फ़रवरी,2025 शनिवार को कार्यक्रम के दूसरे दिन नागरी भण्डार प्रांगण में शाम 4:00 बजे कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया जाएगा।